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दिल्ली में आयोजित ’’आदि महोत्सव’’ में मध्यप्रदेश की जनजातीय कला और संस्कृति की झलक


ट्राइब्स इंडिया द्वारा दिल्ली हाट में आयोजित आदि महोत्सव में मध्यप्रदेश की समृद्ध जनजातीय कला और संस्कृति आकर्षक का केन्द्र बने हुये हैं।

आदि महोत्सव में मध्यप्रदेश की जनजातियों द्वारा लगभग एक दर्जन पंडाल लगाये गये है, जिनमें  अशोकनगर की सहरिया जनजाति के चन्देरी वस्त्र, धार की भिलाला जनजाति के बाघप्रिंट, खरगोन जिले के भिलाला जनजाति के महेश्वरी वस्त्र, डिंडोरी जिले के अगरिया जनजाति का लोहे की कला-कृतियाँ, झाबुआ के भील जनजाति की झाबुआ गुड़ियाँ और मोती के आभूषण प्रर्दशनी में मुख्य आकर्षण हैं। महोत्सव में सिहोर के वनोपज उत्पाद तथा सतना के जैविक उत्पाद के पंडाल भी लगाये गये है। उमरिया जिले के बैगा और भोपाल से आये परधान गौड़ चित्रकारों द्वारा अपनी पारम्परिक चित्रकला का सजीव प्रदर्शन भी किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत् भारतीय आदिवासी सहकारी विपणन विकास संघ के तत्वाधान में आयोजित ‘आदि महोत्सव’’ एक वार्षिक कार्यक्रम है जो 2017 में शुरू किया गया था। 15 फरवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में 200 से अधिक स्टॉल के माध्यम से आदिवासी हस्तशिल्प, कला, चित्रकारी, वस्त्र और आभूषणों का प्रदर्शनी के साथ-साथ बिक्री की भी सुविधा है। महोत्सव में देश भर से लगभग एक हजार आदिवासी एवं कारीगर भाग ले रहे हैं।