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नरसिंहपुर : केंद्र सरकार के आम बजट पर मिलीजुली रही प्रतिक्रिया

नरसिंहपुर। केंद्र सरकार के आम बजट को लेकर सोमवार सुबह से ही विभिन्न् दलों के नेताओं समेत आमजनों में उत्सुकता देखी गई। खासकर लोगों को इस बात की उम्मीद थी कि आसमान छूते पेट्रोल-डीजल के दामों पर शायद लगाम लगाने की दिशा में कोई राहतभरा कदम सरकार उठाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ, उल्टा पेट्रोल-डीजल पर सेस लगने से आमजन मायूस नजर आए। वहीं कांग्रेस व बहुजन समाज जैसी विपक्षी दलों ने आम बजट को पूरी तरह से निराशाजनक करार दिया। हालांकि इन सबके विपरीत भाजपा नेता व समर्थक बजट को अपने-अपने तर्कों से विकासपरक बताते नजर आए। उनका कहना था कि 2021-22 का आम बजट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायक होगा।

इनका ये रहा कहना
आम बजट में विकास की जो संकल्पना संजोई गई है वह देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा। बजट में कृषि, छोटे-बड़े उद्योग को प्रोत्साहन दिया गया है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। आर्थिक सुधारों को प्रोत्साहन देने की नीति विकास की ओर ले जाएगी।
इंजी. अभिलाष मिश्रा, जिला भाजपा अध्यक्ष

आम बजट में बेरोजगारी पर कोई चिंता नहीं दिखी। व्यापारियों को जीएसटी में राहत न देना, किसानों की उपज खरीदने एमएसपी पर स्पष्ट रुख का अभाव होना निराशाजनक है। पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाने से महंगाई आसमान छू जाएगी। किसानों की आय कैसे बढ़ेगी, इसे स्पष्ट नहीं किया गया है।
पं. मैथिलीशरण तिवारी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

बजट में किसानों, युवाओं, आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। कोरोनाकाल में बुरी तरह चौपट हुई अर्थव्यवस्था को उबारने की कोई योजना बजट में नहीं दी गई है। बेरोजगारी दूर करने के कोई उपाय नहीं बताए गए हैं। ये बजट महंगाई बढ़ाकर आम आदमी को रुलाने वाला बजट है।
चौ. चंद्रशेखर साहू, वरिष्ठ कांग्रेस नेता व समाजसेवी

केंद्र सरकार का बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ नया है। सबसे अहम बात ये है कि इसमें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की संकल्पना को प्रस्तुत किया गया है। इससे देश में बेरोजगारी घटेगी, छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इंजी. सुनील कोठारी, वरिष्ठ भाजपा नेता व समाजसेवी

ये आम आदमी का नहीं बल्कि अमीर लोगों के लिए पेश किया गया बजट है। इसमें किसानों को किसी तरह की कोई राहत नहीं दी गई है। उन्हें कैसे अपनी उपज का अधिक मूल्य मिलेगा इसे लेकर भी नीति स्पष्ट नहीं है। पिछड़ा समेत अनुसूचित जाति, जनजाति के उत्थान के लिए कोई योजना इसमें शामिल नहीं है।
एड. नारायण पटेल, बसपा प्रदेश महासचिव

सरकारी नौकरी के घटते अवसर और कोरोनाकाल में प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लक्ष्य के मद्देनजर आम बजट में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर जोर देना प्रशंसनीय है। इससे युवाओं को रोजगार के विभिन्न् अवसर मिलेंगे। किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में प्रभावी कदम उठाए गए हैं जो स्वागतयोग्य हैं।
विक्रांत पटेल, युवा भाजपा नेता व किसान

केंद्र सरकार का आम बजट घोर निराशा वाला है। इसमें आयकर समेत जीएसटी की दरें कम नहीं की गईं हैं, इससे व्यापारी व नौकरीपेशा वर्ग मायूस हुआ है। कोरोनाकाल ने वैसे ही व्यापार की कमर तोड़ रखी है, ऐसे में ये बजट उनकी समस्याओं को बढ़ाने वाला है। किसानों को कोई राहत नहीं दी गई है।
मनोहर साहू, वरिष्ठ कांग्रेसी व उद्योगपति

हमें उम्मीद थी कि आम बजट में बेरोजगारी दूर करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आत्मनिर्भरता की जो बात कही गई है, वह कैसे प्राप्त होगी, इसका कोई जिक्र नहीं है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी का जीना मुहाल हो जाएगा।
आकाश कौरव, युवा