जिले की सहकारी समितियों, सोसायटियों में उपार्जन के लिए प्रदेश शासन ने 25 जनवरी से पंजीयन की शुरुआत की थी। हालांकि हफ्तेभर ही पंजीयन हो सका था कि सहकारी समितियों की हड़ताल शुरू हो गई। जिसके चलते करीब 14 दिन तक पंजीयन का काम ठप रहा। 18 फरवरी को जब हड़ताली कर्मचारी वापस काम पर आए तो सर्वर डाउन होने की समस्या पैदा होने लगी। इसे देखते हुए प्रदेश शासन ने रबी उपार्जन वर्ष 2021-22 के तहत समर्थन मूल्य पर गेहूं आदि के पंजीयन की तिथि 20 फरवरी से बढ़ाकर 25 फरवरी कर दी थी ताकि सभी पात्र किसान अपनी-अपनी उपज का पंजीयन करा सकें। लेकिन ये मंशा भी सर्वर डाउन होने, धीमा करने की समस्या के चलते अब धूमिल होती नजर आ रही है। जिले में 22 फरवरी की अवधि तक कुल 36 हजार 152 पंजीयन ही हो सके हैं, जबकि वर्ष 2020-21 में पंजीयन की कुल तादाद 42 हजार थी।
सोमवार को भी सर्वर ने दिया दगा
जब सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल चल रही थी तब कृषि विभाग द्वारा कहा गया कि किसान मोबाइल पर एप डाउनलोड कर अपना पंजीयन करा सकते हैं। हालांकि जब समर्थ किसानों ने एप के जरिए पंजीयन करने की कोशिश की तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी। सर्वर के धीमा चलते तो कभी डाउन होने के चलते तीन से चार दिन में किसान अपना पंजीयन करा सके। तब कहा गया था कि एप पर लोड अधिक होने के कारण वह धीमा चल रहा है। जब समितियों की हड़ताल खत्म हुई और सोसायटियों में पंजीयन होने लगे, तब भी हालात जस के तस रहे। मोबाइल पर पंजीयन के एप को छोड़कर शेष सभी एप तेजी से चलते रहे। वहीं केंद्रों की बात करें तो यहां भी पोर्टल इस कदर धीमा रहा कि एक से डेढ़ घंटे में पंजीयन करना संभव हुआ। 22 फरवरी, दिन सोमवार को भी ऐसे ही हालात फिर बने। जिले की विभिन्न् वृहताकार समितियों में उपज का पंजीयन कराने बड़ी संख्या में किसान सुबह से पहुंचे जरूर लेकिन शाम तक वे कतारबद्ध रहे। अधिकांश के पंजीयन सर्वर की दगाबाजी के चलते नहीं हो सके। इससे किसानों में रोष देखा गया। किसानों का कहना था कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो 25 फरवरी तक उनका पंजीयन नहीं हो सकेगा।
एक बार में होते हैं अलग-अलग सत्यापन
पोर्टल के धीमा चलने के संबंध में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रशांत सोनी ने बताया कि पंजीयन के दौरान अलग-अलग मामलों का सत्यापन होता है। इस वजह से यह स्थिति बनती है। आधार, गिरदावरी सहित अन्य जांचों के लिए पोर्टल से अन्य पोर्टल के जुड़ने की स्थिति के चलते समय लगना सामान्य प्रक्रिया है। दूसरे पोर्टल से सत्यापन के दौरान डाटा निकलने की प्रक्रिया में जो समय लगता है उसके कारण बिलंब होता है। वहीं लोड अधिक होने की स्थिति भी इसका एक कारण है।
पंजीयन तिथि बढ़ाने की उठी मांग
सर्वर के धीमा चलने या बंद रहने की स्थिति से चिंताग्रस्त किसान अब समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो समस्या आ रही है वह तकनीकी है। जिसके लिए किसान नहीं बल्कि शासन-प्रशासन जिम्मेदार है। जिला मुख्यालय में पंजीयन कराने आए किसान हुल्कर सिंह ने बताया कि वे तीन दिन से पंजीयन के लिए भटक रहे हैं। उनके पास स्मार्टफोन भी नहीं है कि वे एप पर जाकर आराम से दिनभर में कभी भी पंजीयन करा लें। केंद्र पर सर्वर डाउन होने की समस्या बताई जा रही है। ऐसे में अंतिम तिथि तक उनका पंजीयन हो पाएगा कि नहीं ये तय नहीं है। इससे उनकी चिंताएं बढ़ गईं हैं। इसी तरह की बात लोभान सिंह, फुलिया प्रसाद, रमेश कुमार, आशीष कुमार, संतोष पटेल, राजेंद्र राजपूत आदि किसानों ने कही। सभी किसान शासन से पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
इनका कहना हैउपज खरीदी के लिए पंजीयन में आ रही दिक्कतों के संबंध में भोपाल स्थित कार्यालय को सूचना रोज दी जाती है। सभी 82 केंद्रों पर 82 ऑपरेटर पंजीयन कार्य में लगे हैं। अभी तक जिले में 36 हजार 152 पंजीयन हो चुके हैं। कोशिश रहेगी कि अंतिम तिथि के पहले तक सभी किसानों के पंजीयन हो जाएं।राजीव शर्माजिला आपूर्ति अधिकारी नरसिंहपुर