प्रदेश में 15 नवम्बर तक राजस्व अभिलेखों में सुधार के लिये चलेगा शुद्धिकरण पखवाड़ा
पखवाड़े के पहले 6 दिनों में 33 लाख से अधिक अभिलेखों में किया गया सुधार
प्रदेश में एक से 15 नवम्बर तक राजस्व अभिलेखों में त्रुटियों को दूर करने के लिये प्राथमिकता के आधार पर शुद्धिकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस मुहिम का उद्देश्य राजस्व अभिलेखों में भिन्नता के कारण दिन-प्रतिदिन आम जनता को आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिये अभिलेखों में पूरी गंभीरता से सुधार के कार्य को एक साथ पूरे प्रदेश में करना है। पखवाड़े में अब तक 33 लाख 6 हजार 664 अभिलेखों में विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को सुधारा गया। अभिलेखों में त्रुटि के कारण भूमि स्वामियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
शुद्धिकरण की आवश्यकता
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि राजस्व अभिलेखों में क्षेत्रीय शब्दों के उपयोग के कारण एकरूपता नहीं रहती थी। साथ ही अभिलेख में भूमि स्वामी के प्रचलित नाम दर्ज होने और आधार-कार्ड में वास्तविक नाम दर्ज होने के कारण भिन्नता रहती थी। इसके अलावा नामांतरण एवं बँटवारा प्रकरणों में भी क्षेत्रीय कर्मचारियों को परेशानी आती थी। बैंक से ऋण प्राप्त करने, प्रधानमंत्री किसान एवं फसल बीमा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का भी भूमिधारक लाभ नहीं ले पा रहे थे।
तीन स्तरों पर हो रहा शुद्धिकरण
राजस्व मंत्री ने बताया कि अभिलेख शुद्धिकरण के लिये त्रि-स्तरीय त्रुटियों का वर्गीकरण किया गया। राज्य-स्तर पर चिन्हित अशुद्धियों में परिमार्जन, खसरा क्षेत्रफल सुधार-शून्य रकबा, रिक्त भूमि स्वामी, सक्रिय मूल्य एवं बटांक, मिसिंग खसरा, भूमि का प्रकार एवं भूमि स्वामी का प्रकार और अल्फा न्यूमेरिक खसरा सुधार जैसी अशुद्धियों को दूर किया जा रहा है। पखवाड़े के पहले छह दिनों में 32 लाख 31 हजार 909 अशुद्धियों को दूर किया जा चुका है। इसके अलावा जिला-स्तर पर होने वाली अशुद्धियाँ जैसे फौती नामांतरण, खसरा रकबा एवं अन्य नक्शा संबंधित प्रकरणों का सुधार एवं डायवर्सन डाटा एन्ट्री में लगभग 74 हजार 755 अभिलेखों में सुधार किया जा चुका है। तीसरे तथा अंतिम किसान स्तर पर होने वाली अशुद्धियाँ, भूमि स्वामी के नाम में सुधार एवं अन्य प्रकार की आने वाली अनेक त्रुटियों को इस पखवाड़े में सुधारा जा चुका है।
शुद्धिकरण का क्रियान्वयन
पखवाड़े में राजस्व अभिलेख में विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को अभियान के माध्यम से सुधार किया जा रहा है। इसमें राज्य स्तर से चिन्हित अशुद्धियाँ, जिनकी ग्रामवार परिमाण की रिपोर्ट भूलेख पर उपलब्ध है, उन पर सीधे कार्य प्रारंभ किया गया और जिला-स्तर पर अशुद्धियों को चिन्हित कर उनके सुधार की रूपरेखा तैयार की गई। ये अशुद्धियाँ किन-किन ग्रामों में हैं और इनका परिमाण क्या है उन पर फोकस किया गया। डाटा संबंधी त्रुटियों को सीधे ठीक किया जा सकता है परन्तु कुछ त्रुटियों को विधि अनुसार प्रकरण दर्ज कर सुधारने की आवश्यकता होगी।