नरसिंहपुर। भारत सरकार के अधिकृत फर्टिलाइजर पोर्टल एमएफएमएस पर आंकड़े प्रदर्शित हुए तो प्रदेशस्तर पर हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। पोर्टल में एक महिला के नाम पर ही 89.100 मीट्रिक टन यानी करीब 1900 बोरी यूरिया आवंटित करना प्रदर्शित हो रहा था। इसके अलावा शेष 21 अन्य व्यक्तियों को मिलाकर यूरिया आवंटन की मात्रा 900 मीट्रिक टन से अधिक रही।
एमएफएमएस पोर्टल पर प्रदर्शित इन हैरतअंगेज आंकड़ों ने प्रदेश सरकार के कान खड़े कर दिए। इसके बाद आनन-फानन कलेक्टर को इस संबंध में सूचित किया गया। जिसके बाद कलेक्टर वेदप्रकाश ने 17 अगस्त को समूचे मामले की जांच के लिए करीब आधा दर्जन अधिकारियों की टीम गठित कर जांच प्रतिवेदन पेश करने कहा। जारी पत्र में बताया गया कि मप्र शासन के किसान कल्याण व कृषि विकास मंत्रालय भोपाल के पत्र के अंतर्गत एमएफएमएस पोर्टल से जिले के टॉप 20 बॉयर्स व फिक्युवेंट बायर की सूची के अनुसार एक ही किसान द्वारा कई बार यूरिया, डीएपी, उर्वरक का अत्याधिक क्रय किया जाना प्रदर्शित हो रहा है। उर्वरक विक्रय से संबंधित दस्तावेजों का मिलान व किसानों के भू-राजस्व से सत्यापन कराए जाने के लिए अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया गया। इस जांच दल की कमान संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी को सौंपी गई। उनके साथ सहयोगी अधिकारी के रूप में जिला विपणन अधिकारी यशवर्धन सिंह, सहायक संचालक कृषि डॉ. आनंद पटेल, अनुविभागीय कृषि अधिकारी गाडरवारा केएस रघुवंशी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे। अधिकारियों की टीम ने समिति व गोदामवार आईएफएमएस में दर्ज आंकड़ों की तस्दीक की। सोमवार को जांच पूरी हो गई। अब इसका प्रतिवेदन मंगलवार-बुधवार को अपर कलेक्टर को सौंपा जाएगा।