खास चर्चा के दौरान कलेक्टर वेदप्रकाश ने बताया कि चिन्हित गांवों के युवाओं के बीच कबड्डी स्पर्धा आकर्षण का केंद्र होगी। इसके अलावा भी खेलकूद की अन्य प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। हर गांव से प्रत्येक खेल के लिए एक टीम गठित होगी, जो दूसरे गांव की टीम से भिड़ंत करेगी। इन खेलों के आयोजन और चिन्हित गांवों के लोगों की आधिकाधिक सहभागिता के लिए जिला खेल अधिकारी को निर्देशित किया है।
गार्जियन क्लब होंगे गठित
आगामी समय में जिले के नशा प्रभावित 35 गांवों में बच्चे गार्जियन यानी अभिभावक बनकर नशा करने वाले बड़े-बुजुर्गों को सुधारने का बीड़ा भी उठाएंगे। इस तरह की अभिनव पहल जिले के लिए नई जरूर है लेकिन कलेक्टर वेदप्रकाश इसका प्रयोग जबलपुर में कर चुके हैं। नगर निगम आयुक्त रहते हुए उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत इस तरह के गार्जियन क्लब बनाए थे। इसमें बच्चे घर-बाहर अपने से बड़ी उम्र के लोगों को स्वच्छ्ता के प्रति जागरूकता का संदेश देते थे। गंदगी न फैलाने का आव्हान कर गंदगी के दुष्प्रभावों को बताते थे। जिसका खासा असर देखने को मिला था। अब ऐसा ही गार्जियन क्लब नशामुक्ति के लिए वेदप्रकाश चिन्हित गांवों में गठित करने जा रहे हैं। कलेक्टर के अनुसार गार्जियन क्लब में शामिल बच्चे अपने-अपने गांवों के ब्रांड एम्बेसडर भी होंगे। ये घर-बाहर नशामुक्ति के लिए निरंतर काम करेंगे। रचनात्मक कार्यों में अधिक उम्र के लोगों को सहभागी बनाएंगे। नशे से व्यक्ति, परिवार, समाज और देश को होने वाले नुकसान की जानकारी देंगे। कलेक्टर के अनुसार बच्चों को नशामुक्ति अभियान में अग्रणी बनाने के कई फायदे होंगे। पहला ये कि स्वयं बच्चे भी नशे के विरोधी होंगे, दूसरा बड़ों को जब बच्चे बार-बार नशे के लिए टोकेंगे तो वे भी अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। इस तरह का माहौल जब चारों तरफ होगा तो गांव नशामुक्ति की और तेजी से बढ़ेंगे।