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35 गांव में होगा गार्जियन क्लब का गठन, गार्जियन क्लब के सदस्य होगें गांव के ही बच्चे, नशे से दूर रहने लोगों को करेगें प्रेरित, 9 जनवरी से जिला मुख्यालय पर होगी विभिन्न प्रतियोगिताएं, कलेक्टर वेदप्रकाश का नवाचार

नरसिंहपुर। नशामुक्ति भारत अभियान के अंतर्गत जिले की विभिन्न तहसीलों में जिला प्रशासन द्वारा 35 ऐसे गांव चिन्हित किए गए थे, जहां की अधिकांश वयस्क आबादी किसी न किसी नशे की गिरफ्त में थी। इन गांवों को नशे से आजादी देने के लिए अक्टूबर माह में विशेष कार्ययोजना तैयार की गई थी। इसका क्रियान्वयन अब होने जा रहा है। इसके अंतर्गत सबसे पहले चिन्हित 35 गांवों के बच्चों के बीच पेंटिंग, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन 9 जनवरी को जिला मुख्यालय के स्टेडियम मैदान में किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना और नशामुक्ति के प्रति जागरूक करना है। इस आयोजन के बाद युवाओं की विभिन्न स्पर्धाएं भी आयोजित की जाएंगी। जिले में चिन्हित 35 गांवों को नशामुक्त करने के लिए कलेक्टर वेदप्रकाश फिर एक नवाचार करने जा रहे हैं। इसके अंतर्गत संबंधित गांवों में बच्चों का गार्जियन क्लब गठित किया जाएगा। ये बच्चे अपने से बड़ी उम्र के लोगों को नशा के दुष्परिणाम बताएंगे। नशे के आदि लोगों को टोकने का काम करेंगे। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए जिला मुख्यालय में 9 जनवरी से स्टेडियम मैदान के पास बच्चों और युवाओं के लिए विविध सांस्कृतिक और खेलकूद की स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। इसकी तैयारी व्यापक स्तर पर शुरू हो गई है।
खास चर्चा के दौरान कलेक्टर वेदप्रकाश ने बताया कि चिन्हित गांवों के युवाओं के बीच कबड्डी स्पर्धा आकर्षण का केंद्र होगी। इसके अलावा भी खेलकूद की अन्य प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। हर गांव से प्रत्येक खेल के लिए एक टीम गठित होगी, जो दूसरे गांव की टीम से भिड़ंत करेगी। इन खेलों के आयोजन और चिन्हित गांवों के लोगों की आधिकाधिक सहभागिता के लिए जिला खेल अधिकारी को निर्देशित किया है।
गार्जियन क्लब होंगे गठित
आगामी समय में जिले के नशा प्रभावित 35 गांवों में बच्चे गार्जियन यानी अभिभावक बनकर नशा करने वाले बड़े-बुजुर्गों को सुधारने का बीड़ा भी उठाएंगे। इस तरह की अभिनव पहल जिले के लिए नई जरूर है लेकिन कलेक्टर वेदप्रकाश इसका प्रयोग जबलपुर में कर चुके हैं। नगर निगम आयुक्त रहते हुए उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत इस तरह के गार्जियन क्लब बनाए थे। इसमें बच्चे घर-बाहर अपने से बड़ी उम्र के लोगों को स्वच्छ्ता के प्रति जागरूकता का संदेश देते थे। गंदगी न फैलाने का आव्हान कर गंदगी के दुष्प्रभावों को बताते थे। जिसका खासा असर देखने को मिला था। अब ऐसा ही गार्जियन क्लब नशामुक्ति के लिए वेदप्रकाश चिन्हित गांवों में गठित करने जा रहे हैं। कलेक्टर के अनुसार गार्जियन क्लब में शामिल बच्चे अपने-अपने गांवों के ब्रांड एम्बेसडर भी होंगे। ये घर-बाहर नशामुक्ति के लिए निरंतर काम करेंगे। रचनात्मक कार्यों में अधिक उम्र के लोगों को सहभागी बनाएंगे। नशे से व्यक्ति, परिवार, समाज और देश को होने वाले नुकसान की जानकारी देंगे। कलेक्टर के अनुसार बच्चों को नशामुक्ति अभियान में अग्रणी बनाने के कई फायदे होंगे। पहला ये कि स्वयं बच्चे भी नशे के विरोधी होंगे, दूसरा बड़ों को जब बच्चे बार-बार नशे के लिए टोकेंगे तो वे भी अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। इस तरह का माहौल जब चारों तरफ होगा तो गांव नशामुक्ति की और तेजी से बढ़ेंगे।