नरसिंहपुर।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान मरीजों की सेवा करने के बजाए दुम-दबाकर भाग खड़े हुए 8 चिकित्सकों में से अब तक पांच चिकित्सक प्रशासनिक सख्ती के आगे नतमस्तक होकर लौट आए हैं। मंगलवार को एसडीएम नरसिंहपुर द्वारा थाना कोतवाली में 7 चिकित्सकों व 3 सिस्टर ट्यूटर के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर का असर ये हुआ कि जेल जाने के भय से चार डॉक्टर व सिस्टर ट्यूटर ने बुधवार को अपनी आमद दे दी। बता दें कि जिला अस्पताल के आठ चिकित्सक लॉकडाउन की अवधि से ही बिना किसी सूचना के स्वैच्छिक अवकाश पर थे। इन्होंने अपने-अपने मोबाइल भी बंद कर रखे थे, ताकि कोई इन्हें ड्यूटी पर आने सूचित न कर सके। इन चिकित्सकों में शल्य क्रिया विशेषज्ञ डॉ सीएस शिव, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ वीके गर्ग, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ पीसी आनंद, मेडिसिन चिकित्सक संविदा डॉ हिमांशु पठारिया, चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके सागरिया, डॉ अखिलेश गुप्ता, महिला चिकित्सक डॉ मंजरी सिंह और चिकित्सा अधिकारी संविदा डॉ पुष्पेंद्र सिंह शामिल थे। इनमें से डॉ. मंजरी सिंह ने सोमवार को ड्यूटी ज्वॉइन कर ली थी। वहीं मंगलवार को शेष 7 चिकित्सकों के खिलाफ एसडीएम नरसिंहपुर एमके बमनहा ने थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ये खबर लगते ही बुधवार को डॉ. वीके गर्ग, डॉ. पीसी आनंद, डॉ. आरके सागरिया और डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भी ड्यूटी पर पहुंच गए। इसके साथ ही तीन अन्य सिस्टर ट्यूटर मोरिन गुस्ताव, अर्चना जयबंत, बिन्दू काबले ने भी जिला अस्पताल में अपनी आमद दे दी। इन चिकित्सकीय स्टाफ के ड्यूटी पर लौटने की पुष्टि सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल ने कर दी है।