50 तालाबों के हेल्थ-कार्ड दिल्ली भेजे गये

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  भोपाल।    केन्द्र शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों से दो-दो वेटलैण्ड्स चिन्हित कर हेल्थ-कार्ड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण एप्को ने चिन्हित वेटलैण्ड्स में से लगभग 50 तालाबों के हेल्थ-कार्ड केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेज दिये हैं। देश में अब तक 500 वेटलैण्ड्स के हेल्थ-कार्ड बने हैं, जिनमें मध्यप्रदेश अग्रणी है।

  वेटलैण्ड्स के पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय स्वास्थ्य का पता लगाने के लिये वेटलैण्ड हेल्थ-कार्ड बनाये जा रहे हैं। वेटलैण्ड्स के हेल्थ-कार्ड के लिये भारत शासन द्वारा तय प्रारूप के अनुसार वेटलैण्ड्स का जलीय क्षेत्रफल, हाइड्रोलॉजी (मिलने वाले नदी-नालों की संख्या और उनमें कोई परिवर्तन), जल की गुणवत्ता, जैव-विविधता और इस संबंध में शासन द्वारा लिये गये निर्णय और आदेशों आदि का समावेश किया गया है। वेटलैण्ड की समस्त जानकारी को सम्मिलित कर एक केटेगरी का निर्धारण किया जाता है।

वेटलैण्ड रिजुवेनेशन कार्यक्रम के प्रथम चरण में प्रदेश के 120 तालाबों और वेटलैण्ड्स को चिन्हित किया गया है। चिन्हित वेटलैण्ड्स के हेल्थ-कार्ड, संक्षिप्त प्रतिवेदन, एकीकृत प्रबंधन परियोजना आदि बनायी जा रही है। लगभग 50 तालाबों के हेल्थ-कार्ड भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। शेष वेटलैण्ड्स की जल गुणवत्ता की जाँच के लिये मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एप्को प्रयोगशाला द्वारा कार्य किया जा रहा है।

एप्को नॉलेज पार्टनर, छत्तीसगढ़-तेलांगना को भी देगा तकनीकी मदद

मंत्री श्री डंग ने मार्च-2021 तक सभी 120 वेटलैण्ड्स के हेल्थ-कार्ड पूरे करने के निर्देश दिये हैं। केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एप्को को इस कार्य के लिये नॉलेज पार्टनर के रूप में मान्यता दी गयी है। मध्यप्रदेश के हेल्थ-कार्ड पूर्ण होने पर एप्को छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य को भी इस कार्य के लिये तकनीकी सहायता देगा।

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