पेंशनरों की 6वें वेतनमान में 12 और 7वें वेतनमान में 5 प्रतिशत की वृद्धि

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छटवें वेतनमान में 12 प्रतिशत की वृद्धि के बाद महंगाई राहत की दर अब 201 प्रतिशत हो गई है। सातवें वेतनमान में 5 प्रतिशत की वृद्धि से मंहगाई राहत दर 33 प्रतिशत हो गई है। आज वित्त विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिये हैं।

आदेश जारी होने के पहले 6वें वेतनमान में मूल पेंशन एवं परिवार पेंशन पर 189 प्रतिशत की दर एवं 7वें वेतनमान में 28 प्रतिशत की दर से मंहगाई राहत मिल रही थी। आदेश के अनुसार 80 वर्ष या उससे अधिक की आयु के पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन पर भी महंगाई राहत देय होगी।

महंगाई राहत अधिवार्षिकी, सेवानिवृत्त, असमर्थता तथा क्षतिपूर्ति पेंशन पर भी देय होगी। सेवा से पदच्युत या सेवा से हटाए गए कर्मचारियों को स्वीकार किए गए अनुकंपा भत्ता पर भी महंगाई राहत की पात्रता होगी तथा परिवार पेंशन तथा असाधारण पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों को भी महंगाई राहत वित्त विभाग के आदेश अनुसार देय होगी।

यदि किसी व्यक्ति को उसके पति/पत्नी की मृत्यु के कारण अनुकंपा के आधार पर सेवा में रखा गया है, तो ऐसे मामलों में परिवार पेंशन पर महंगाई राहत की पात्रता नहीं होगी। यदि पति/पत्नी की मृत्यु के समय वह सेवा में हैं तो पति-पत्नी की मृत्यु के कारण देय परिवार पेंशन पर उसे महंगाई राहत की पात्रता होगी। ऐसे पेंशनरों, जिन्होंने अपनी पेंशन का एक भाग सारांशीकृत कराया है उन्हें महंगाई राहत उनकी मूल पेंशन पर देय होगी।

यह आदेश राज्य शासन के ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर भी लागू होंगे, जिन्होंने उपक्रमो, स्वशासी संस्थान, मंडल, निगम आदि में संविलियन पर एकमुश्त राशि आहरित की है और जो पेंशन के एक तिहाई हिस्से के प्रत्यावर्तन के पात्र हो गए हैं।

संचालक पेंशन को बैंक की शाखाओं में नमूना जाँच करने तथा विसंगति की स्थिति में उसका समायोजन आगामी माह के भुगतानों में करने के निर्देश दिये गये हैं। सभी पेंशन संवितरणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे मध्यप्रदेश कोषालय संहिता 2020 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए पेंशनरों को स्वीकृत मंहगाई राहत का भुगतान सुनिश्चित करें।

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