नरसिंहपुर। कोरोना वायरस की जंग में जहाँ एक तरफ पूरा प्रशासन योद्धा बनकर आम लोगों की हिफाजत में घर-द्वार छोड़कर 24 घंटे सेवाएं दे रहा है, वहीं सरकार से जनसेवा के लिए लाखों का वेतन लेने वाले डॉक्टर चिकित्सा पेशा को शर्मसार करते हुए संकट की घड़ी में मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। ये मामला जिला अस्पताल का है। खास बात ये है कि इन चिकित्सकों ने अपना-अपना मोबाइल भी बंद कर रखा है। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अब कमिश्नर जबलपुर संभाग को पत्र लिखा है।
जिला अस्पताल में लॉक डाउन के दिन से लापता सभी आठ वरिष्ठ चिकित्सक हैं। सिविल सर्जन इस सम्बन्ध में कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि जिला अस्पताल में पदस्थ शल्य क्रिया विशेषज्ञ डॉ सीएस शिव, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ वीके गर्ग, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ पीसी आनंद, मेडिसिन चिकित्सक संविदा डॉ हिमांशु पठारिया, चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके सागरिया, डॉ अखिलेश गुप्ता, महिला चिकित्सक डॉ मंजरी सिंह और चिकित्सा अधिकारी संविदा डॉ पुष्पेंद्र सिंह ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। इनके मोबाइल भी बंद हैं। वर्तमान स्थिति में इस गैरहाजिरी को गंभीर मानते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बीती एक अप्रैल को जबलपुर संभाग के कमिश्नर आईएएस रविंद्र कुमार मिश्रा को पत्र लिखकर इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई का आग्रह किया। इस पत्र में बताया गया कि वर्तमान में कोरोना वायरस से बचाओ के लिए चिकित्सा सेवाओं को आपातकालीन स्थिति में चलाया जा रहा है, किन्तु इन चिकित्सकों के गैर जिम्मेदार कृत्य व स्वेच्छिक अनुपस्थिति के कारण अन्य चिकित्सा अधिकारियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। अतएव इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।