नरसिंहपुर: ब्लैक फंगस से जिले में शुक्रवार को दूसरी मौत, एक नया मरीज मिला, संख्या बढ़कर हुई सात 

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नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच सबसे खतरनाक ब्लैक फंगस यानी मायकारमायकोसिस नाम की बीमारी भी जिले में तेजी बढ़ रही है। आंखों की रोशनी छीनने के साथ ही ये ब्लैक फंगस जानलेवा भी साबित होने लगा है। बीती 10 मई को इस फंगस के चलते जिले में पहली मौत दर्ज हुई थी, वहीं तीन दिन बाद ही एक महिला ने भी इस बीमारी के चलते दम तोड़ दिया है। ये महिला जिला अस्पताल में इलाजरत थी। वहीं ब्लैक फंगस का शुक्रवार को एक और नया मरीज सामने आया है, जिसकी हालत को देखते हुए उसे व पहले से यहां भर्ती एक अन्य मरीज को जबलपुर रेफर करने की तैयारी की जा रही है। इस तरह जिले में अब तक ब्लैक फंगस के सामने आए मरीजों की संख्या बढ़कर 7 हो गई है।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस से पीड़ित रजनी दुबे नाम की महिला की हालत गुरुवार को अत्याधिक बिगड़ गई थी। उनका आक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा था। अस्पताल के चिकित्सकों ने इनकी स्थिति सुधारने काफी प्रयास किया लेकिन महिला को नहीं बचाया जा सका। शुक्रवार सुबह रजनी दुबे की मौत हो गई। वहीं 14 मई को ही एक नया मरीज सामने आया है, जिसकी हालत खराब होती देख उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया है। जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल ने बताया कि यहां पहले से भर्ती प्रीतम रजक को भी जबलपुर रेफर करने की तैयारी की जा रही है।
महंगी के साथ दवाएं नहीं, जबलपुर-भोपाल में ही इलाज: जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य सुविधाओं को वेंटिलेटर पर ला दिया है। खतरनाक ब्लैक फंगस को लेकर तो स्थिति ये है कि इसकी दवाएं जिलेभर में उपलब्ध नहीं हैं। चिकित्सकों के अनुसार इस मर्ज का इलाज व इसकी दवाएं अत्याधिक महंगी भी हैं। इसका इलाज व दवाएं फिलहाल जबलपुर व भोपाल में ही संभव है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार के आदेशानुसार जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों को अब जबलपुर या भोपाल ही भेजा जाएगा।

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