आँधी-तूफान को छोड़कर अन्य किसी परिस्थितियों में किसी भी प्रकार का विद्युत व्यवधान बर्दाश्त नहीं : प्रबंध संचालक
भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा जैसे आँधी-तूफान को छोड़कर अन्य किसी परिस्थितियों में किसी भी प्रकार का विद्युत व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आँधी-तूफान की दशा में कितनी जल्दी विद्युत आपूर्ति बहाल की जाती है, वही कंपनी के मैदानी अधिकारियों का परफॉरमेंस माना जाएगा। इसलिए बिजली कंपनी के अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने मानसून पूर्व रख-रखाव का कार्य प्लान तैयार कर जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए। श्री मिश्रा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय में भोपाल रीजन एवं ग्वालियर रीजन में विद्युत आपूर्ति की समीक्षा कर रहे थे।
प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में वन क्षेत्रों से गुजर रही 33 के.वी. की लाइनों की पेट्रोलिंग करा ली जाए, ताकि बारिश में मेजर ब्रेकडाउन की समस्या से बचा जा सके। उन्होंने रख-रखाव कार्य को प्रभावी ढंग से करने के निर्देश दिए। प्रबंध संचालक ने कहा कि जिन फीडरों पर ट्रिपिंग ज्यादा है, इन फीडरों का निरीक्षण भौतिक रूप से उपमहाप्रबंधक एवं महाप्रबंधक करेंगे।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक ने मैदानी स्तर पर 33/11 उपकेन्द्र, 33 के.वी. लाइनों, 11 के.वी. लाइनों, निम्नदाब लाइनों और वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव प्लान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मेंटिनेंस के लिए इस प्रकार शटडाउन लें कि उसी अवघि में उस क्षेत्र विशेष के बिजली संबंधी निर्माण कार्य को भी पूरा करा लिया जाए। इससे बार-बार शटडाउन नहीं लेना पडेगा। श्री मिश्रा ने एसटीएम (सब ट्रांसमिशन मेंटिनेंस) के अधिकारियों को बोध कराया कि मेंटिनेंस में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें और प्रभावी सुपरविजन सुनिश्चित करें।
प्रबंध संचालक श्री मिश्रा ने कहा कि यदि रख-रखाव प्रभावी होगा, तो ट्रिपिंग न्यूनतम होगी। उपकेन्द्रों में कैपेसिटर बैंक श्रृंखला में चालू रखने के निर्देश दिए गए। श्री मिश्रा ने मैदानी स्तर पर ट्रांसफार्मर अपग्रेडेशन, उपकेन्द्रों के निर्माण, इंटरकनेक्शन के कार्य बारिश एवं खरीफ की फसल के पूर्व पूरा करने के निर्देश भी दिये।