ईओडब्ल्यू को नरसिंहपुर विधायक का पत्र- सरबजीत मोखा के पिता पर भी चला था चोरी का मामला

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जबलपुर/नरसिंहपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में रासुका के आरोपी जेल में बंद सिटी हॉस्पिटल जबलपुर के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और उसके अन्य अप्रत्यक्ष भागीदारों के खिलाफ नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) पहुंच गए हैं। ब्यूरो में शिकायत करते हुए विधायक ने इनकी संपत्ति की जांच करने की मांग की है। अपने शिकायत पत्र में जालम सिंह पटेल ने लिखा है कि सिटी हॉस्पिटल जबलपुर के संचालक सरबजीत सिंह मोखा द्वारा अनेक गैर कानूनी काम कर अनैतिक धन अर्जितकर करोड़ों की संपत्ति बनाई है। हाल ही में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में भी मोखा पर ओमती पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। मोखा के विरुद्ध पूर्व में भी कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। अप्रत्यक्ष रूप से कई प्रभावशाली व्यक्तियों के माध्यम से भी इसने अपनी काली कमाई सिटी हॉस्पिटल समेत अन्य जगहों पर निवेश की है, जिसकी जांच कर कार्रवाई करना जरूरी है।
फर्जी बिल के आरोप: नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल ने ईओडब्ल्यू को दी शिकायत में कहा है कि आयुष्मान भारत योजना व शासकीय कर्मचारियों के लिए बनाई गई योजनाओं में इलाज की फर्जी बिल राशि शासन से प्राप्त कर वित्तीय अपराध का अनुमान है। जिनकी जांच भी अति आवश्यक है। विधायक ने पत्र के जरिए खुलासा किया कि वर्ष 1990 के पूर्व सरबजीत सिंह मोखा के पिता द्वारा रेलवे में अकाउंटेंट रहते उपकरणों की चोरी करवाने को लेकर कार्रवाई प्रचलन में रही थी। अत: आग्रह किया गया है कि तत्काल प्रभाव से सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, उसके सगे संबंधियों व सिटी हॉस्पिटल समेत अन्य जगहों पर अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी की संपूर्ण संपत्तियों की सूक्ष्मता से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध आर्थिक अपराध करने पर प्रकरण दर्ज कराया जाए।
नरसिंहपुर में मोखा के निवेश की चर्चा
सिटी हॉस्पिटल जबलपुर के संचालक सरबजीत मोखा ने कोरोनाकाल में संभाग के कई शहरों के अस्पतालों में निवेश किया था। इन्हें किराए आदि पर लिया गया था। इस तरह की सुगबुगाहट नरसिंहपुर शहर में भी पिछले कई दिनों से सुनाई दे रही है। बताया जा रहा है कि शहर के किसी निजी अस्पताल को सरबजीत सिंह मोखा ने फरवरी महिने में किराए पर लिया था। सूत्रों के अनुसार यहां भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर से लेकर अन्य तरह के इलाज और पैकेज का निर्धारण सिटी हॉस्पिटल के प्रबंधक द्वारा ही किया जाता था। यद्यपि शहर का वह कौन सा अस्पताल था, जिसमें मोखा ने निवेश किया था, इस बारे में सटीक जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं हो सकी है। लेकिन, नरसिंहपुर विधायक के इस पत्र के बाद एक बार फिर नरसिंहपुर में निवेश की चर्चाओं को बल मिलने लगा है।

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