नरसिंहपुर: बारिश का दौर थमते ही किसानों को पता चला पानी में बह गई पसीने की कमाई, मांग रहे मुआवजा

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नरसिंहपुर। शुक्रवार-शनिवार को जिले में हुई भारी बारिश ने तबाही ला दी है। 24 घंटे तक रुक-रुककर और मूसलधार बारिश ने खेत-खलिहानों समेत जिले की कई कॉलोनियों को तर-बतर कर दिया। रविवार को जब बारिश का दौर थमा और किसान खेतों में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनकी पसीने की कमाई समयपूर्व प्री मानसून ने तबाह कर दी है। कोरोना कर्फ्यू से त्रस्त ये किसान अब मुआवजे की मांग कर रह हैं।
जिले में दो दिन तक लगातार बारिश के बाद शनिवार की रात से ही बारिश का दौर थम गया है लेकिन दो दिन की बारिश ने ही मूंग उत्पादक किसानों को काफी नुकसान कर दिया है। खेतों में भरा पानी जैसे-जैसे छट रहा है फसल की बर्बादी और किसानों को हुए नुकसान की तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिले में इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर गर्मी के सीजन की मूंग बोई थी। जिसमें पहले हुई बोवनी की फसल में कटाई का कार्य पहले ही शुरू हो गया था। साथ ही देर से हुई बोवनी वाले किसानों की फसल कहीं खेतों में कटकर रखी हुई थी तो कहीं किसानों की फसल पककर तैयार थी और कटाई होना थी। लेकिन दो दिन की बारिश ने किसानों को नुकसान की चपेट में ला दिया है। कृषि विभाग की मानें तो ताजा सर्वे के अनुसार जिले में मूंग का कुल रकबा 85 हजार हेक्टयर से अधिक आंका गया है। स्थिति यह है कि पिछले दो दिनों में मूंग उपज के दानें पुन: खेत में ही अंकुरित होने लगे है। ग्राम काचरकोना, उमरपानी, भ्ाामा, बीकोर, गंगई, टेकापार, जैतपुर, मदनपुर, ढिलवार, मर्रावन, महुआखेड़ा, खमरिया, डोभ्ाी, रम्पुरा, इमझिरा, गुटोरी, देवरी, काशीखैरी, बरखंदा, पड़रिया क्षेत्रों में फसल के लिए काफी नुकसान बताया जा रहा है। किसान संतोष्ा पटेल ने बताया कि लगभ्ाग 6 एकड़ में मूंग फसल बर्बादी की स्थिति में पहुंच गई है। दो एकड़ में फसल कटी रखी थी शेष 4 एकड़ में खड़ी फसल में पानी भ्ार जाने से फलियां चटककर पुन: अंकुरित हो रही है। किसान निरंजन सिंह, सुनील पटेल, कीरत पटेल, चौ. देवेंद्र पटेल, अमित पटेल, अरविंद पटेल एवं महेंद्र पटेल ने बताया कि इस वर्ष मूंग की फसल बहुत अच्छी स्थिति में बनी थी और उपज भ्ाी अच्छी स्थिति में होना थी। अनुमान था कि हमारे खेतों की भ्ाी अच्छी उपज हाथ लगेगी। लेकिन बारिश ने अरमानों पर पानी फेर दिया है। किसान शासन से सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग कर रहे है।


बह गई तरबूजों की फसल: क्षेत्र के अंतर्गत भ्ाामा, हीरापुर, बिलथारी, बीकोर, करोंदी क्षेत्र में बड़ी संख्या में तरबूज की खेती की जाती है। लेकिन इस वर्ष यह खेती मानसून की पहली बारिश की भ्ोंट चढ़ गई है। जब फसल तैयार हुई थी उस समय कोरोना से बाजार बंद होने के कारण किसान फसल बेचने नहीं आ सके थे। अनलाक में फसल बेचने की तैयारी चल रही रही थी कि अचानक आई नदियों की बाढ़ फसल को बहाकर ले गई है।
पान बरेजो को नुकसान: जिले में आंधी, तेज हवा के बीच हुई बारिश से अनेक स्थानों पर पान बरेजों को भी नुकसान हो गया है। आंधी के कारण पान बरेजे क्षतिग्रस्त हो गए है। जिससे पान किसानों को नुकसान है। ग्राम पीपरपानी (पान) के पान किसान अजय चौरसिया, गौतम चौरसिया, सुनील चौरसिया, अशोक चौरसिया आदि ने बताया कि ग्राम पीपरपानी में तेज हवा व आंधी के कारण पान बरेजे क्षतिग्रस्त हो गए है। जिससे पान फसल को नुकसान हुआ है। पान किसानों ने शासन प्रशासन से सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है।
भारतीय किसान संघ का ज्ञापन आज: भारतीय किसान संघ तहसील सांईखेड़ा द्वारा आज सरस्वती शिशु मंदिर सांईखेड़ा में दोपहर एक बजे किसानों की समस्याओं पर बैठक की जाएगी इसके उपरांत बारिश में किसानों को हुए नुकसान सहित अन्य मांगों पर तहसीलदार को ज्ञापन दिया जाएगा। संघ के पदाधिकारियों ने बैठक एवं ज्ञापन के मौके पर किसानों से उपस्थिति की अपेक्षा की है।

इनका ये है कहना
पहले बोवनी वाली 80 प्रतिशत फसल की कटाई हो गई है और किसानों ने उपज सुरक्षित भी कर ली है। देर की बोवनी वाली 15 से 20 प्रतिशत फसल ही बारिश से प्रभावित है। मौसम खुल गया है तो भीगी फसल सुखाई जा सकती है। हालांकि बारिश्ा के कारण दाना तो प्रभावित होगा ही।
राजेश त्रिपाठी, उपसंचालक कृषि नरसिंहपुर

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