नरसिंहपुर: मां रेवाश्री खांडसारी मिल में बन रहा था जहरीला गुड़, राजस्व-पुलिस की टीम ने मारा छापा, संचालक-कर्मचारी गायब
नरसिंहपुर। करेली के समीपस्थ खुलरी गांव में मां रेवाश्री खांडसारी मिल में गुपचुप तरीके से केमिकलों के सहारे अप्राकृतिक गुड़ बनाया जा रहा था। इस करतूत की शिकायत ग्रामीणों से प्राप्त होने पर जिला प्रशासन ने राजस्व-पुलिस व खाद्य सुरक्षा की टीम गठित कर जब छापामारी कराई तो मिल संचालक गायब हो गए। घटनाक्रम में गजराज नाम का वह कर्मचारी का भी अता-पता नहीं चला जिसने इस गुड़ को चखकर साबित किया था कि इसे इंसानों के लिए बनाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार खुलरी गांव स्थित रेवाश्री खांडसारी मिल में अप्राकृतिक गुड़ निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम एक शिकायत सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि गन्न्े का समय समाप्त होने के बाद भी मिल संचालक द्वारा प्रदेश के बाहर से केमिकलयुक्त राव खरीदकर यहां पर हानिकारक गुड़ का निर्माण कराया जा रहा है। आरोप लगाया गया है कि फैक्टरी में इंजन के जले तेल का उपयोग भी गुड़ निर्माण में हो रहा है। इसे खाकर व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होना तय है।
गुड़ को कड़ा करने के लिए इसमें लकड़ी का बुरादा भी मिलाया जा रहा है। भटि्टयों को जलाने के लिए भारी संख्या में टायरों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे आसपास वायु प्रदूषण फैल रहा है। आमजन का स्वास्थ्य बिगड़ने का भरपूर अंदेशा है।
शिकायतकर्ता धनंजय, अनूप, कमल राजपूत, रामेंद्र सिंह, अनूप ठाकुर, आशीष सिंह, देवेश राजपूत, धनंजय प्रताप, शिवपाल राजपूत, शिवकुमार बुंदेला आदि ने कलेक्टर से मिल संचालक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत अपराध दर्ज करने की मांग की थी। शिकायत मिलने पर कलेक्टर वेदप्रकाश ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित गुप्ता को जांच के निर्देश दिए। श्री गुप्ता ने शनिवार को पुलिसबल व राजस्व टीम के साथ खुलरी गांव स्थित खांडसारी मिल में दबिश दी। यहां उन्होंने गुड़ के सैंपल भी लिए और प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा। यद्यपि छापामारी की सूचना लगने पर मिल संचालक नदारद हो गए। उन्होंने फोन पर अफसरों से कहा कि वे ये गुड़ मवेशियों के लिए बना रहे हैं।
गुड़ में मिली मृत चिड़िया, जीव-जंतु
रेवाश्री खांडसारी मिल में करीब 10-20 किग्रा भार वाली गुड़ की परिया में मृत जीव-जंतुओं की तस्वीरें सामने आईं हैं। गुड़ की एक परिया में तो मृत चिड़िया चिपकी मिली है। वहीं कुछ अन्य परियों में मृत कीड़े-मकोड़ों की भरमार भी है। इसके अलावा गीले गुड़ में जले तेल व केमिकल की चिकनाहट साफ तौर पर देखी जा सकती है। बताया जा रहा है कि ये जहरीला गुड़ जिले के आदिवासी अंचलों में सप्लाई किया जा रहा है।
मिल संचालक के झूठ को उजागर करने वाला कर्मचारी गायब
मिल में बनाए जा रहे अप्राकृतिक गुड़ की शिकायत होते ही संचालक रजनीश कौरव इस गुड़ को पशुओं के लिए बनाना बताने लगे। हालांकि कौरव के इस झूठ को उन्हीं के एक कर्मचारी गजराज सिंह ने उजागर कर दिया। जले तेल में डुबोकर रावा से बनाए गए गुड़ को गजराज सिंह ने कैमरे के सामने ही खाकर बता दिया कि इस गुड़ का निर्माण इंसानों के लिए ही किया जा रहा है। कर्मचारी तो यहां तक कहता नजर आया कि गुड़ बड़ा मीठा है, इसे खाने में कोई दिक्कत नहीं है।
जानकारों के अनुसार मृत जीव-जंतुओं, केमिकल व अवशिष्ट से बना इस तरह का गुड़ जानवरों के जीवन के लिए बेहद खतरनाक है। वहीं इस संबंध में खाद्य सुरक्षा अधिकारी का कहना था कि छापामारी के दौरान उन्हें यहां पर न तो टायर मिले न ही जला तेल। और तो और वीडियो में जो कर्मचारी गजराज गुड़ खाता नजर आ रहा था, वह भी छापामारी के दौरान गायब रहा।
इनका ये कहना
कलेक्टर के निर्देश पर हमने खुलरी की मां रेवाश्री खांडसारी मिल में छापा मारा था। यहां पूरे समय पुलिसबल भी तैनात रहा। यहां निश्संदेह अप्राकृतिक रूप से गुड़ बनाने का काम चालू मिला। मिल संचालक गायब रहे, वो कर्मचारी भी नहीं था, जो वीडियो में गुड़ खाता नजर आ रहा था। मामले में नोटिस जारी कर प्रकरण को अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
अमित गुप्ता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नरसिंहपुर