प्रदेश में 88 ऑक्सीजन प्लांटस शुरू, 44 हजार 590 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन हुआ शुरू

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भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य अधोसंरचना में दिखी कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जा रहा है। इन कमियों में सबसे महत्वपूर्ण थी मेडिकल ऑक्सीजन। हमने यह तय कर लिया था कि जो भी हो अब भविष्य में प्रदेशवासियों को उपचार में ऑक्सीजन की कमी नहीं आने देंगे। इसी उद्देश्य से अभियान चलाकर प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांटस लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया। आज मध्यप्रदेश में स्थापित किये जा रहे 190 ऑक्सीजन प्लांट में से 88 प्लांट कार्यशील हो गये हैं। इन 88 प्लांटस की ऑक्सीजन क्षमता 45 हजार 890 लीटर प्रति मिनट है। 

ऑक्सीजन प्लांटस

  • 37 इन प्रोग्रेस

  • 88 फंक्शनल

  • 18 इंस्टाल्ड

  • 41 डिलेवर्ड

  • 06 डिस्पेज्ड

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के समय मध्यप्रदेश में अन्य प्रांतों से ऑक्सीजन लाकर कमी को दूर किया गया था। इसमें भारतीय सेना के वायुयान, हैलीकाप्टर, रेल के साथ सड़क मार्ग से टैंकरों द्वारा ऑक्सीजन प्रदेश में लाई गई। यह बहुत मुश्किल परिस्थितियाँ थी। इन परिस्थितियों का दोबारा सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार ने क्रियेटिव सोच और बेहतर प्लानिंग के साथ मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में आत्म-निर्भर बनने का जो सपना संजोया, आज वह मूर्त रूप ले रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में ऑक्सीजन प्लांट लग जाने से रोगियों को अब बिना विलंब ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी।

 

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