गाडरवारा : गुर्जर झिरिया में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान तथा कवि सम्मेलन आयोजित

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गाडरवारा। समीपी ग्राम गुर्जर झिरिया में गत रात्रि माँ रेवा सेवा भक्त मण्डल द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में सर्वप्रथम समिति के पंडा ब्रजेश श्रीवास्तव द्वारा सभी कवियों का स्वागत तिलक लगाकर , रुद्राक्ष की माला पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। तत्पश्चात विजय नामदेव एवं नन्दकिशोर शर्मा द्वारा स्थानीय शिक्षक प्रेमलाल शर्मा , संतोष कौरव, सांगई में माध्यमिक शिक्षक मधुसूदन पटैल , बगदरा में माध्यमिक शिक्षक राजेन्द्र गुप्ता को उत्कष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान उपरांत कवि सम्मेलन का आगाज़ नन्दकिशोर शर्मा द्वारा माँ शारदे की वंदना प्रस्तुत कर किया गया। तदोपरान्त सामाजिक सरोकार के कवि नर्मदा प्रसाद द्वारा ‘ मास्टर बच्चों को पढ़ाना छोड़ चुनाव करबा रहे हैं कविता सुनाई। हास्य व्यंग्य के कवि नन्दकिशोर शर्मा द्वारा ‘ दुनिया हा दइया सी लग रै,एकदम खा खैया सी लग रई बुन्देली ग़ज़ल पढ़कर उपस्थित लोगों को खूब हँसाया। स्थानीय कवि तरुण में सागर मुक्तक के माध्यम से अपनी बात रखी। वीर रस के कवि ब्रजविहारी विराट ने “ज़रूरत जब भी पड़ती है मेरी माँ भारती को , मैं अपने शब्द के अंगार लेकर आग लिखता हूँ” कविता पढ़कर लोगों में उत्साह भर दिया। सम्मेलन में हास्यरस के वाले कवि सुनील तन्हा ने “दिल में बस गए हो तो किराया भी दीजिये” पंक्तिया पढ़कर लोगों को लोटपोट होने पर मजबूर कर दिया। ग़ज़लकार पोषराज अकेला ने “बचाना है इसे कैसे बात अब ये फ़िक्र की है,इमारत हो चुकी जर्जर बुलंदी दिखने भर की है” पढ़कर वाहवाही बटोरी। हास्य व्यंग्य के जाने माने कवि विजय बेशर्म ने “हम कलम की वन्दगी को ही करम कहने लगे,झुकी हुई उनकी नजर को ही शर्म कहने लगे” मुक्तक पढ़कर लोगों को गदगद कर दिया। सम्मेलन नेपाल पटेल ने भी अपनी कविता पढ़ी। समेलन में मंच का संचालन विजय बेशर्म ने तथा कवि सम्मेलन का संयोजन पोषराज अकेला ने किया। सम्मेलन के अंत मे आभार प्रदर्शन शिक्षक मलखान मेहरा ने किया। सम्मेलन में देर रात तक बड़ी सँख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे ।

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