विदेशी इलाज को देखकर नरसिंहपुर के नीरभ मानसाता ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बनाई 100 फेस शील्ड
मात्र 8 रुपए में तैयार की 120 रुपए वाली सुरक्षा किट
नरसिंहपुर। कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों। कविवर गोपालदास बैरागी की ये शायद पंक्तियाँ नीरभ मानसाता जैसे रचनात्मक, उत्साही युवाओं के लिए लिखी गई थी। जो हालातों के आगे बेबस बैठने के बजाय अपने जूनून से हालतों को ही बदलने की क्षमता रखते हैं। कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के दिन-रात अस्पतालों में सेवा दे रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने नीरभ मानसाता ने घर पर रहकर कुछ ऐसा कर दिया है, जो हर युवा और समाज के लिए प्रेरक है। नीरभ ने स्वास्थकर्मियों की सुरक्षा के लिए यूट्यूब की मदद से उच्च क्वालिटी की करीब 100 फेस शील्ड तैयार की है। जिसे नीरभ ने कलेक्टर दीपक सक्सेना को सौंपा है। आगे भी ये इसी तरह की और फेस शील्ड तैयार कर रहे हैं।
बुलेटिन में शील्ड का जिक्र न होता देख आया विचार
- नीरभ मानसाता ने बताया कि कलेक्टर द्वारा प्रतिदिन जारी होने वाले कोरोना बुलेटिन को वे नियमित रूप से पढ़ते हैं। इसमें उन्हें स्वास्थकर्मियों की सुरक्षा के लिए चेहरे खासकर आँखों के माध्यम से संक्रमण की रोकथाम वाली फेस शील्ड की कमी नजर आई। इसी समय उन्होंने तय किया कि वे इसे दान देंगे। उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इसे खरीदने का प्रयास किया लेकिन ये अनुपलब्ध रही। ऐसे में नीरभ ने यूट्यूब का सहारा लिया और फेसशील्ड बनाने की विधि को ध्यानपूर्वक देखा, समझा। करीब दो-दिन तक यूट्यूब से प्रशिक्षण लेने के बाद इन्होंने फेस शील्ड का निर्माण शुरू कर दिया। अब तक ये उपलब्ध संसाधनों से करीब 100 फेस शील्ड बना चुके हैं। जिसे वे कलेक्टर दीपक सक्सेना के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों को उपलब्ध कराएँगे।
बाजार में कीमत 120 रुपए, निर्माण पर खर्च आया मात्र 8 रुपए
- नीरभ ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर एक फेस शील्ड की कीमत 120 रुपए से लेकर 150 तक है। जबकि उन्होंने उत्कृष्ट सामग्री का इस्तेमाल कर मात्र 8 रुपए में ये फेस शील्ड तैयार की है। ये शील्ड डिस्पोजबल है। दो-तीन तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्या है फेस शील्ड
- फेस शील्ड दरअसल एक पारदर्शी कवच होता है, जिससे स्वास्थ्यकर्मी सर से गर्दन तक को कवर कर लेते हैं। इससे खासकर आँखों के जरिये स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर्स आदि संक्रमणमुक्त रह सकते हैं। विदेशों समेत देश के महानगरों में इसका उपयोग कोरोना मरीज के इलाज के दौरान स्वास्थ्यकर्मी कर रहे हैं। नीरभ मानसाता ने बताया कि एक फेस शील्ड में ए 4 साइज की ट्रांसपेरेंट शीट के अलावा एक इंच की फोम की पट्टी का भर इस्तेमाल होता है। ये पट्टी सर से थोड़ी-थोड़ी दूर पर लगाईं जाती हैं।
कलेक्टर भी हुए प्रभावित
- युवा नीरभ मानसाता के इस इनोवेशन से कलेक्टर नरसिंहपुर दीपक सक्सेना भी काफी प्रभावित हैं। उन्होंने नीरभ से इसके निर्माण की जानकारी लेकर अन्य लोगों को भी इसी तरह की फेस शील्ड निर्माण के लिए प्रेरित करने की बात की है। नीरभ के प्रयासों की उन्होंने मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
परिवार का समाजसेवा से है पुराना नाता
- नीरभ जिले के सभ्रांत मानसाता परिवार से नाता रखते हैं। यह परिवार जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेशभर में अपनी समाजसेवा, मानवसेवा और प्रतिष्ठित क्रिकेट स्पर्धा आयोजित कराने के लिए जाना जाता है। इनके पिता दिलीप मानसाता ख्यातिलब्ध बिजनेसमैन हैं। नीरभ बीकॉम स्नातक हैं, ये स्वयं भी परिवार के नक़्शे कदम पर चलते हुए समाजसेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।