जबलपुर के नाती थे ऋषि कपूर, यहां उनका बचपन बीता, इसलिए हमारे लिए ये अपूरणीय क्षति

महान अभिनेता ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि

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ऋषि कपूर के ननिहाल रीवा में माता-पिता की याद में राज्य शासन द्वारा बनवाया गया ऑडिटोरियम।
नाना रायबहादुर करतारनाथ का हाथ पकड़े ऋषि कपूर की बचपन की फोटो। बगल में खड़े मामा प्रेमनाथ और उनके बेटे मोंटी प्रेमनाथ।

आशीष/ नरसिंहपुर। रूपहले परदे पर सदहाबहार और सामाजिक ताने-बाने के बीच संघर्ष का महान किरदार ऋ षि कपूर हमारे बीच में नहीं रहे हैं। ये जितना बॉलीवुड के लिए दुखद है, उससे अधिक शायद नर्मदांचल के लिए गमगीन करने वाली घटना है। ये वो महान शख्यिसत थी, जिनका बचपन जबलपुर में बीता था। बहुत कम लोग जानते हैं कि जबलपुर ऋ षि कपूर का ननिहाल था। उनके बचपन के बेहतरीन दिन ऐतिहासिक एम्पायर टॉकीज के संस्थापक और अपने मामा प्रेमनाथ, राजेंद्रनाथ के घर पर बीते थे। इनकी मां कृष्णा राजकपूर रीवा रियासत से ताल्लुक रखती थीं। ऋ षि कपूर के नाना रायबहादुर करतारनाथ तत्कालीन रीवा रियासत विंध्य प्रदेश में पुलिस के आला अधिकारी थे। ऋ षि कपूर एम्पायर टॉकीज के बाजू से लगे मामा प्रेमनाथ के बंगले में आते-जाते थे। जिलहरीघाट के मौलश्री वृक्ष के नीचे ध्यान लगाना उन्हें बहुत पसंद था।

जस्टिस तंखाजी के घर भोज में हुए थे शामिल: वर्ष 1960 में ऋ षि कपूर फिल्म यूनिट के साथ जिस देश में गंगा बहती है, की शूटिंग के लिए जबलपुर आए थे। वे धुआंधार-भेड़ाघाट के प्राकृतिक सौंदर्य से इस कदर अभिभूत हुए कि जीवन-पर्यंत ये नजारा, इसकी यादें उनके जेहन में रही। जबलपुर प्रवास के दौरान उन्होंने जस्टिस आरके तंखा कैंट हाउस में भोज भी किया था। जस्टिस तंखा वर्तमान में राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तंखा के पिताश्री थे।

 

परिवार के साथ जबलपुर आने वाले थे ऋ षि कपूर: निधन के पूर्व ऋ षि कपूर अपने परिवार के साथ जबलपुर आने वाले थे। ये बात प्रेमनाथजी के बेटे मोंटी ने बताई। मोंटी के अनुसार ऋ षि कपूर उनके बड़े भाई थे। अक्सर वे एम्पायर टॉकीज को पुननिर्माण के लिए बातें करते थे। उनका इरादा कुछ बड़ा करने का था। इसके लिए उन्होंने जिलहरीघाट में बड़ा कार्यक्रम करने की योजना भी बनाई थी, लेकिन कुदरत को शायद ये मंजूर नहीं था। वे यहां आ पाते इसके पहले ही ईश्वर ने उन्हें अपने पास बुला लिया। रुआंधे स्वर में मोंटी….देखिए क्या हो गया…!
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