दूर से करें राम-राम, फसल बेचने के लिये मण्डी जाने की अनिवार्यता नहीं
योद्धाओं को प्रणाम- मुख्यमंत्री
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को अब अपनी फसल बेचने के लिये मण्डी जाने की अनिवार्यता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्राइवेट मण्डी, ई-ट्रेडिंग और व्यापारी द्वारा किसान से सीधे फसल क्रय करने की व्यवस्था की गई है। इसका किसानों को व्यापक लाभ मिल रहा है। श्री चौहान ने कहा कि किसानों की भलाई के लिये अगर जरूरी हुआ तो अन्य नियमों ओर प्रक्रियाओं में संशोधन किया जाएगा। श्री चौहान ने आज मंत्रालय में किसानों से ऑडियो ब्रिज के माध्यम से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी।
भारत सरकार की गाईडलाइन के मुताबिक गेहूँ उपार्जन और मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में श्रमिकों को रोजगार देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में किसानों के हित में सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। गेहूँ खरीदी का काम सरकार ने प्रारंभ कर दिया है, जो सुचारु रुप से चल रहा है। इसके साथ ही अन्य रबी फसलों को खरीदने की व्यवस्था भी की गई है।
दूर से करें राम-राम
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सोशल डिस्टेसिंग के पालन पर सभी को ध्यान देना है। उन्होंने आग्रह किया कि आपस में दो गज की दूरी के नियम का पालन करना है। सभा और समारोह आयोजित नहीं करना है। प्रत्येक व्यक्ति फेस मॉस्क अथवा गमछे का उपयोग करे, जिससे नाक एवं मुँह ढंका रहे। इसके साथ ही, कहीं भी थूकने अथवा गंदगी फैलाने का काम नहीं होना चाहिए। हाथ मिलाने से भी बचना है। दूर से ही राम-राम करना है।
योद्धाओं को प्रणाम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उन सभी कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया, जिन्होंने कोरोना वाइरस से प्रभावित नागरिकों के उपचार और देखभाल की जिम्मेदारी निभायी है। श्री चौहान ने स्थानीय निकायों के कर्मचारियों, राजस्व कार्मियों और पुलिस के जवानों की सेवाओं की भी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह रैना अंधेरी बीतेगी, पतवार चलाते जाएंगे। मंजिल आएगी, जरूर आएगी।