माफिया व खनिज विभाग के गठजोड़ के खिलाफ ग्रामीण हो रहे लामबंद, 28 से संकल्प अभियान
अवैध खनन रोकने नर्मदा पुत्र सेना संभालेगी मोर्चा
नरसिंहपुर। नर्मदा समेत अन्य सहायक नदियों के विभिन्न् घाटों पर व्यापक पैमाने पर रेत का अवैध खनन जारी है। इसे रोकने के बजाय खनिज विभाग के अधिकारी माफिया से ही गठजोड़ किए हुए हैं। नदियों के घाट तबाह हो रहे हैं, धाराएं प्रभावित हो रहीं हैं। इसे देखते हुए नर्मदा के तटवर्ती गांवों के ग्रामीण लामबंद होने लगे हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र पटेल गुड्डू की अगुवाई में नर्मदा पुत्र सेना का गठन किया है। 28 अक्टूबर को शगुन व कुड़ी घाट से ये सेना नर्मदा को बचाने संकल्प अभियान की शुरुआत करेगी।
बीती 19 अक्टूबर को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और होशंगाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे देवेंद्र पटेल की अगुवाई में युवक कांग्रेस ने शगुन व कुड़ी घाट पर बेजा अवैध रेत खनन और लाखों की रेत चोरी के आरोपितों की गिरफ्तारी, मुकदमा कायमी के लिए खनिज विभाग के दफ्तर में धरना प्रदर्शन किया था। राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में कहा गया था कि यदि 7 दिन के भीतर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, नर्मदा नदी में अवैध खनन नहीं रुका तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। इस चेतावनी के बावजूद खनिज विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे रहे। रातीकरार के शगुन समेत बरमान से झांसीघाट तक प्रतिबंध के बावजूद रेत खनन चार गुना रफ्तार से जरूर बढ़ गया। अधिकारी पिछले 12 दिन से लगातार जांच करने का झूठा दिलासा ही देते रहे। नतीजा ये रहा कि नर्मदा के तटवर्ती गावों में दिन-रात रेत भरकर दौड़ते डंपर व ट्रैक्टर-ट्रालियों और माफिया की दहशतगर्दी ग्रामीणों के लिए असहनीय हो गई। ग्रामीण भी अब यह मान चुके हैं कि इस अवैध खनन में प्रशासनिक अधिकारियों की मौन स्वीकृति है। इसी के चलते ग्रामीणों ने नर्मदा नदी के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए खुद ही मोर्चा संभालने का निर्णय लिया है। देवेंद्र पटेल गुड्डू भैया ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की इस अवैध खनन में मिलीभगत है। यही वजह है कि 21 अक्टूबर को शगुन व कुड़ी घाट में मिले 9 से अधिक रेत भंडारों को जब्त करने के बजाय इन्होंने माफिया के माध्यम से खुर्द-बुर्द कराया है। उनका कहना है कि माफिया पहले तो रात के अंधेरे में ही अवैध खनन करता था, लेकिन अब वह शह पाकर दिन के उजाले में भी नदी तट को बर्बाद करने पर तुला है। इसे देखते हुए गांव-गांव संपर्क कर नर्मदा पुत्र सेना का गठन किया जा रहा है। ये सेना अपने बूते पर जहां-जहां नर्मदा नदी के तट पर अवैध खनन होता देखेगी, वहां मोर्चा संभालकर माफियाओं को खदेड़ने का काम करेगी। श्री पटेल ने कहा कि नर्मदा सिर्फ नदी नहीं, बल्कि इससे लोगों की आस्था भी जुड़ी है। माफिया जिस तरह से नदी की धार को प्रभावित कर अवैध रेत का खनन कर रहा है, उससे नदी के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न् हो गया है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नर्मदा पुत्र सेना का संकल्प अभियान 28 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से शगुन घाट पर विधिवत पूजन-अर्चन के साथ शुरू होगा।
राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने भी जताया आक्रोश
नर्मदा नदी के प्रतिबंधित घाटों पर हो रहे रेत के अवैध खनन, भंडारण और परिवहन के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने भी आक्रोश जताया है। श्री सोनी ने जिले में जारी अवैध खनन और नर्मदा नदी के तटों को बर्बाद होने से रोकने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखा है। उनका कहना है कि किसी भी सूरत में वैध खदानों को छोड़कर अन्य कहीं भी अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि नर्मदा ही नहीं बल्कि जिले की शक्कर, दुधि, बारूरेवा आदि सहायक नदियों में भी अवैध खनन को रोकने के लिए वे कलेक्टर से बात करेंगे।
बसपा ने दिया ज्ञापन
नर्मदा व अन्य नदियों में जारी अवैध रेत के खनन को लेकर सत्तापक्ष समेत विपक्षी पार्टियां भी सुर में सुर मिलाने लगी हैं। कांग्रेस के बाद अब बसपा ने भी राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव एड. नारायण पटेल ने ज्ञापन के माध्यम से आरोप लगाया कि जिले में रेत माफिया सक्रिय है। जिले की जीवनदायिनी मानी जाने वाली नर्मदा नदी भी माफियाओं के शिकंजे से नहीं बच सकी है। दिन-रात रेत का अवैध खनन हो रहा है। वहीं सब कुछ जानकर भी जिला प्रशासन गहरी नींद में है। नर्मदा का अस्तित्व खतरे में है। प्रदेश महासचिव ने मांग की कि नर्मदा में हो रहे अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाई जाए। ऐसा न होने पर बसपा आंदोलन करने करेगी, जिसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी।
शगुन घाट के माफिया बेफिक्र
नर्मदा के शगुन घाट में अभी भी दिन-रात अवैध खनन, परिवहन जारी है। रातीकरार के ग्रामीणों के मुताबिक यहां पर कथित रूप से इरशाद और छोटू पठान नाम के माफिया बंदूकों की दम पर प्रतिबंधित घाट पर रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। इन नामों की शिकायत युवक कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन व उसके पहले व बाद में भी ग्रामीण कर चुके हैं। इन पर कार्रवाई करने के बजाय जिले का खनिज विभाग लीपापोती में जुटा हुआ है। बताया जाता है कि 14 अक्टूबर को जब स्थानीय जागरूक ग्रामीणों ने शगुन व कुड़ी घाट पर रेत के बड़े-बड़े अवैध भंडार देखे थे, तब उन्होंने जिला खनिज अधिकारी को उक्त दोनों नामों के साथ अवैध खनन की जानकारी भी शिकायतस्वरूप दर्ज कराई थी। इसके चलते 15 अक्टूबर को जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल अपने सहायक के साथ मौका स्थल भी पहुंचे थे। यहां उन्हें शिकायत सही मिली थी।
12 दिन बाद भी मुकदमा नहीं
शगुन व कुड़ी घाट में खनिज विभाग रेत के विशाल अवैध भंडारण की पुष्टि कर चुका है। शिकायत में कथित इरशाद व छोटू पठान जैसे माफियाओं के नाम भी पता चल चुके हैं। बावजूद इसके न तो रेत चोरी का करेली, न ही नरसिंहपुर के थानों में मुकदमा दर्ज हो पाया है। हैरत की बात ये है कि इन 12 दिनों में कोई भी पटवारी-आरआइ मौका स्थल पर नहीं पहुंचा है। जबकि खनिज अधिकारी लगातार ये कह रहे हैं कि राजस्व की टीम रेत के कुल भंडारण की जांच-पड़ताल के घाट खुदाई वाले स्थल का सीमांकन कर रही है।
खनिज अधिकारी कह रहे-छुट्टी के बाद जांच
पिछले 12 दिन से लगातार शगुन व कुड़ी घाट की चोरी गई रेत की जांच कराने का रट्टा लगाने वाले जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल अब दशहरा की छुट्टी खत्म होने के बाद जांच कराने की बात कहने लगे हैं। चर्चा के दौरान उनका कहना था कि हमने कलेक्टर को पूरा प्रकरण बता दिया है, वे ही इस मामले में जांच कराएंगे।