प्रेस की आज़ादी पर कोई भी आघात देश के लिए नुकसानदेह होगा : उपराष्ट्रपति

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भारत के उपराष्ट्रपति  एम वेंकैया नायडू ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर कहा कि प्रेस की आज़ादी पर कोई भी आघात राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है तथा हर एक नागरिक द्वारा इसका विरोध किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित, कोविड महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका तथा मीडिया पर महामारी के असर, इस विषय पर एक वेबनार को अपने पूर्व रिकॉर्ड किए गए संबोधन में उन्होंने कहा कि आज़ाद और निर्भीक प्रेस के बिना लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में देश की प्रेस की अग्रणी भूमिका रही है। लोकतंत्र को मजबूत करने तथा संवैधानिक के अनुसार कानून का राज सुनिश्चित करने में एक मुखर, आज़ाद और जागरूक मीडिया उतना ही जरूरी है जितना की स्वतंत्र न्यायपालिका।

पत्रकारिता को एक पवित्र मिशन बताते हुए, श्री नायडू ने राष्ट्रहित के संवर्धन और जनता के अधिकारों के संरक्षण में प्रेस की उल्लेखनीय भूमिका की सराहना की।

साथ ही श्री नायडू ने मीडिया से आग्रह किया कि अपनी रिपोर्ट में वस्तुनिष्ठ, तथ्यात्मक, और निष्पक्ष रहे। उन्होंने सनसनी फैलाने और खबरों में पूर्वाग्रह मिलाने की प्रवृत्ति से बचने की भी सलाह दी। उन्होंने आग्रह किया कि विकासपरक खबरों को अधिक तरजीह दी जानी चाहिए।

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