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नरसिंहपुर। गुरुवार को भोपाल से आई स्वास्थ विभाग की टीम ने जिला अस्पताल की गहन शिशु चिकित्सा इकाई एसएनसीयू एवं पीआइयू यूनिट का औचक निरीक्षण किया। अचानक आई इस टीम के चलते जिला अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारियों के होश उड़े-उड़े नजर आए। हालांकि टीम ने यहां आकर अस्पताल के उन्न्यन और मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने पर अधिक फोकस किया। भोपाल से आए उपसंचालक डॉ. मनीष कुमार एवं कंसलटेंट डॉ. विशाल सिंह ने एसएनसीयू व पीआइयू को अपग्रेड करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों यूनिट के पास ही शिश्ाु वार्ड लाया जाए और पोषण पुर्नवास केंद्र को शिशु वार्ड के स्थान पर रखा जाए।
उपसंचालक और कंसलटेंट ने गहन शिशु चिकित्सा इकाई और पीआइयू यूनिट का निरीक्षण करते हुए दोनों यूनिट की व्यवस्थाओं के लिए उपलब्ध कराए गए बजट से हुए कार्यो को देखा। यूनिट में लगी मशीनों का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के इंजीनियर को निर्देश दिए कि पीआइयू यूनिट का फर्नीचर बेहतर रखा जाए साथ ही यूनिट में कई जरुरी व्यवस्थाओं की पूर्ति समय पर कराई जाए। अधिकारियों ने सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर दिया और कहा कि यूनिट में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि संक्रमण की संभावना न रहे। अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान देखा कि शिशु वार्ड दोनों यूनिट से अलग है और पोषण पुर्नवास केंद्र यूनिट के नजदीक है तो निर्देश दिए कि तत्काल शिशु वार्ड को यूनिट के पास रखा जाए और पोषण पुर्नवास केंद्र को व्यवस्थित तरीके से शिशु वार्ड के स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
फेस स्केन अटेंडेंस मशीन लगाएं
अधिकारियों ने सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल को निर्देश दिए कि कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेस स्केन अटेंडेंस मशीन लगवाई जाए। जिससे यह पता लग सके कि थंब मशीन में जो कर्मचारी अंगूठा लगा रहा है वह वास्तविक रूप में वही कर्मचारी है या नही। कोरोनाकाल के दौरान यहां थंब मशीन से उपस्थिति बंद करा दी गई थी। दोनों यूनिट का निरीक्षण करने के बाद अधिकारी दोपहर करीब डेढ़ बजे तक जिला अस्पताल प्रबंधन से व्यवस्थाओं की जानकारी लेते रहे। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल सहित डॉ. विजयंत जैन, डॉ. सागरिया सहित अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति रही।