अव्यवहारिक होना ही जीवन की सबसे बड़ी असफलता, केंद्रीय कारागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

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विधिक साक्षरता शिविर में प्राधिकरण सचिव व जेल अधिकारी

नरसिंहपुर। अव्यवहारिक होना जीवन की सबसे बड़ी असफलता है। जब कोई अपराध होता है तो उसके पीछे जो मानसिकता काम करती है उसका मूल कारण उसका अव्यवहारिक होना है। जेल में किसी कैदी को रखने का आशय यह नहीं है कि वह अपराधी सिद्ध हो चुका है।
यह बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संजय कुमार गुप्ता ने केंद्रीय कारागार में विधिक साक्षरता शिविर के दौरान बंदियों के समक्ष कही। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आशा गोधा के मार्गदर्शन में शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला विधिक सहायता अधिकारी राजेश सक्सेना ने कहा कि जो बंदी कारागार में हैं उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से ट्रायल के दौरान नि:शुल्क अधिवक्ता दिलाया जाता है साथ ही उनके स्वास्थ्य, शिक्षा का भी ध्यान रखा जाता है। केंद्रीय कारागार में नियुक्त पैरालीगल वालेंटियर्स बंदियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराने में आपकी सहायता करेंगे। शिविर के अंत में अतिथियों द्वारा बंदियों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी, पैरालीगल वालंटियर पीयूष दीक्षित सहित केंद्रीय कारागार के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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