ताज़ा खबरेंकरियर/शिक्षादेश शिक्षा मंत्रालय ने प्रवासी बच्चों की पहचान, नामांकन व उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश By Khabar Live 24 On Jan 11, 2021 0 Share स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हो चुके बच्चों के सामने कोविड-19 महामारी की वजह से आ रही चुनौतियों के प्रभाव को कम करने के लिए प्रत्येक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए यह आवश्यक समझा गया कि वे हाल के वर्षों में स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉप आउट) में वृद्धि, निम्न नामांकन, सीखने में कमी तथा व्यापक पहुंच, गुणवत्ता और समानता उपलब्ध कराने में हुई कमी को रोकने के लिए एक उचित कार्यनीति तैयार करें। शिक्षा मंत्रालय ने प्रवासी बच्चों की पहचान, नामांकन और उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्कूल जाने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और समान शिक्षा की सुविधा प्राप्त हो और देश भर में स्कूली शिक्षा पर महामारी के प्रभाव को कम किया जा सके, शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल की बंदी के दौरान और स्कूल के फिर से खुलने पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किए और जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हुए बच्चों (ओओएससी) तथा विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) के लिए शिक्षा जारी रखने स्कूल से बाहर हुए चिन्हित बच्चों के लिए स्वयंसेवकों, स्थानीय शिक्षकों और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से गैर-आवासीय प्रशिक्षण जारी रखना। स्वयंसेवकों/विशेष शिक्षकों के माध्यम से सीडब्ल्यूएसएन बच्चों के लिए गृह आधारित शिक्षा को जारी रखना। स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हुए बच्चों की पहचान करना राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हर घर जाकर एक व्यापक सर्वेक्षण करने के जरिये 6 से 18 वर्ष के आयु समूह के लिए ओओएससी की समुचित पहचान करेंगे और उनके नामांकन के लिए एक कार्य योजना तैयार करेंगे नामांकन और जागरूकता अभियान नामांकन मुहिम शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में आरंभ किया जा सकता है जैसे कि प्रवेशोत्सव, स्कूल चलो अभियान आदि। बच्चों के नामांकन और उपस्थिति के लिए माता-पिता और समुदाय को जागरूक करना। कोरोना से संबंधित 3 उपयुक्त व्यवहारों- मास्क पहनने, छह फीट की दूरी बनाए रखने और साबुन से हाथ धोने-के अभ्यास करने के बारे में जागरूकता पैदा करना- जिसके लिए आईईसी सामग्री 06 नवंबर 2020 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा की गई। छात्रों की सहायता जब स्कूल बंद हों छात्रों को परामर्श, बड़े स्तर पर जागरूकता और उनके घरों का दौरा करना सहित सहायता प्रदान की जाएगी। परामर्श सेवाओं और मनो-सामाजिक सहायता के लिए मनोदर्पण वेब पोर्टल और टेली-काउंसलिंग नंबर का उपयोग करना। गृह-आधारित शिक्षा में सहायता करने के लिए शैक्षिक सामग्री और संसाधनों, पूरक श्रेणीबद्ध सामग्री, कार्यशालाओं, वर्कशीट आदि का वितरण। ग्रामीण स्तर पर क्लासरूम ऑन व्हील्स तथा छोटे समूहों में कक्षाओं के विकल्प की खोज करना। पढ़ाई में हुए नुकसान को कम करने लिए ऑनलाइन/डिजिटल संसाधनों, टीवी रेडियो आदि तक बच्चों की पहुंच बढ़ाना। वर्दी, पाठ्य पुस्तकों और एमडीएम के प्रावधानों तक आसान समयबद्ध सुविधा सुनिश्चित करना। नामांकित सीडब्ल्यूएसएन लड़कियों को डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति का समय पर संवितरण। स्थानीय स्तर पर बाल संरक्षण तंत्र का सुदृढ़ीकरण। ड़. विद्यालयों के फिर से खुलने पर छात्र सहायता स्कूल के फिर से खुलने की प्रारंभिक अवधि के लिए स्कूल रेडीनेस मोड्यूल्स/ब्रिज कोर्स की तैयारी और संचालन ताकि वे स्कूल के माहौल को समायोजित कर सकें और खुद को तनाव या छोड़ दिया गया-महसूस न करें। शिक्षण स्तर के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में छात्रों की पहचान। इस वर्ष ड्रॉप आउट को रोकने के लिए उत्तीर्णता संबंधी नियमों में ढील। स्कूली बच्चों को पाठ्यक्रम के बाहर की पुस्तकों को पढ़ने तथा रचनात्मक लेखन और समस्या समाधान के लिए प्रोत्साहित करने के द्वारा समझ और संख्यात्मक कौशल के साथ पढ़ना सुनिश्चित करना। पढ़ाई में हुए नुकसान और असमानता को कम करने के लिए बड़े स्तर पर उपचारात्मक कार्यक्रम/शिक्षण संवर्धन कार्यक्रम। च. शिक्षक क्षमता निर्माण दीक्षा पोर्टल पर कोरोना उत्तरदायी व्यवहार के लिए ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण मॉड्यूल और ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल का प्रभावी उपयोग शीघ्र ही आरंभ किया जाएगा। शिक्षण में बच्चों के आनन्दपूर्ण जुड़ाव के लिए एनसीईआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का उपयोग करना। naamaankanshiksha jaaree rakhane ke lie jaaree kie disha-nirdeshshiksha mantraalay ne pravaasee bachchon kee pahachaan 0 Share FacebookTwitterGoogle+ReddItWhatsAppPinterestEmail