श्रीगणेश देवस्थानम् में लगेगा मेला- पूरे दिन खुला रहेगा मंदिर

तिल संकटा चतुर्थी 31 जनवरी को

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नरसिंहपुर। सनातन धर्म के वेद पुराणों में वर्णित है कि माघ मास की तिल संकटा चतुर्थी पर प्रथम पूज्य गणनायक के दर्शन व पूजन से भक्तों के संकट हरते हैं और मनोकामना पूरी होती है। इस बार 31 जनवरी को हर वर्ष की तरह सुप्रसिद्ध श्रीगणेश देवस्थानम् में तिल के लड्डुओं का विशेष भोग लगेगा व एक दिवसीय मेला भी भरेगा। आयोजन के व्यवस्थापक पं शैलेष पुरोहित ने बताया कि सूर्योदय के बाद गणाध्यक्ष का विधि-विधान से अभिषेक किया जाएगा। इसकी शुरूआत सिद्धपीठ के संस्थापक स्वर्गीय पं कृष्णकुमार जी पुरोहित ने तीन दशक पहले की थी।
होगा आकर्षक श्रंगार
इस दिन गौरी सुत का विशिष्ट श्रंगार किया जाएगा। इसमें नए वस्त्र के
अलावा चॉदी के मुकुट, कुंडल व छत्र, सोने का तिलक आदि लगाकर विशिष्ट आव्हृान किया जाएगा। इसके अलावा 25 फिट उॅची धर्मध्वजा भी फहराई जाएगी।
आयोजन समिति के वरिष्ठ पत्रकार संजय जैन, एस.के.शर्मा,इंजी.एमएस ठाकुर, आशीष सोनकिया, अजय साहू,अजय गिरदौनिया,महेश रजक, शरद शर्मा, विवेक नेमा, आनंद भारद्वाज,अभिषेक रेजा,तुलसी राम पटैल,सुनील स्थापक,अखिलेश साहू, विपुल ठाकुर, संजय, राहुल व रोहित मेहरा, पप्पू पटेल, नरेश कश्यप, रोहित नायडू,पवन नेमा, मोहित सराठे,ओम माली,सूरज पटैल, डालचंद पटैल,सुरेश पटैल,शिवम कश्यप, सहित सिद्धी विनायक आरती मंडल के सदस्यों ने बताया कि त्यौहार में दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए पूरे दिन मंदिर खुला रहेगा।
दर्शन से मिटेगें संकट
आचार्य कृष्णकांत उदेनिया ने बताया कि पुराणों के अनुसार तिल चतुर्थी पर प्रथम पूज्य के भक्ति भाव से दर्शन, पूजा-पाठ व व्रत करने से तिल के
बराबर भी संकट समाप्त होते है। इसलिए बडी संख्या में श्रद्वालु मंदिर
पहुंचते है। कार्यक्रम में आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक, नगर पालिका व एमपीईबी से अपील की गई है।

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