नरसिंहपुर : तिल संकटा चतुर्थी पर श्री गणेश देवस्थानम् में भक्तों का तांता, सुबह से देर शाम तक लगा रहा आस्था का मेला, दायांवर्ती सूंड वाली दुर्लभ प्रतिमा का विशेष श्रंगार
नरसिंहपुर। दायांवर्ती सूंडवाली दुर्लभ श्री गणेश की प्रतिमा स्थल वाले शक्तिपीठ में तिल संकटा चतुर्थी पर एक दिवसीय मेला का आयोजन हुआ। सुबह से देर शाम तक यहां मन्न्तें-मुराद मांगने वालों समेत दर्शनार्थी भक्तों का तांता लगा रहा।
रविवार को तिल संकटा चतुर्थी पर जिला मुख्यालय के किसानी वार्ड में स्थित श्री गणेश देवस्थानम् में सुबह से ही प्रथम पूज्य का पूजन-अर्चन करने के लिए पुरुष-महिलाओं, बच्चों, युवाओं की भीड़ रही। देवस्थानम् में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा का श्रंगार नयनाभिराम रहा। भक्तों ने भगवान के श्रीचरणों में पुष्प, नारियल, मिष्ठान अर्पित कर अपने और परिवार के लिए स्वास्थ्य समृद्धि की कामना की। वहीं कुछ ऐसे भी भक्त नजर आए जो अपनी मन्न्त पूरी होने पर यहां विशेष प्रसाद अर्पित करने आए थे। आयोजन के व्यवस्थापक पं. शैलेष पुरोहित ने बताया कि सूर्योदय के बाद गणाध्यक्ष का विधि-विधान से अभिषेक किया गया। 25 फीट ऊंची धर्मध्वजा भी फहराई गई। दर्शनार्थियों की भीड़ के मद्देनजर मंदिर के पट सुबह से शाम तक खुले रहे। आचायर्स कृष्णकांत पटेरिया ने बताया कि पुराणों के अनुसार तिल चतुर्थी पर प्रथम पूज्य के भक्तिभाव से दर्शन, पूजा-पाठ व व्रत करने से तिल के बराबर भी संकट समाप्त हो जाते हैं। इसलिए बड़ी संख्या में भक्त यहां पर पहुंचते हैं। रविवार को मंदिर में लगे एक दिवसीय आस्था के मेले के सुचारू संचालन के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी सहयोग देखने को मिला।
अन्य जिलों से भी आए श्रद्धालु
श्री गणेश देवस्थानम् में सिर्फ नरसिंहपुर ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी भक्त बड़ी संख्या में अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचे। टीकमगढ़ से सपरिवार आए रमेश पस्तोर ने बताया कि वे पिछले 5 साल से नियमित रूप से इस शक्तिपीठ में दर्शन करने आ रहे हैं। उनके अनुसार पहली बार जब वे यहां आए थे तो उन्होंने एक मन्न्त मांगी थी, जिसे श्रीगणेश ने पूरी कर दी। इसके बाद वे हर तिल संकटा चतुर्थी पर देवस्थानम् में अपने आराध्य के दर्शन करने आते हैं। इसी तरह सागर, रायसेन, भोपाल, जबलपुर, सतना, रीवा आदि जिलों से भी बहुत से भक्तों ने श्रीगणेश की प्रतिमा के समक्ष अपना माथा टेका।
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