नरसिंहपुर: सड़क किनारे पड़े मरीज को हाथठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे युवा, तीन दिन से बुला रहे थे एंबुलेंस

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नरसिंहपुर। जिले में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे ही स्वास्थ्य सुविधाएं भी चरमराते नजर आने लगी हैं। इसका उदाहरण गाडरवारा तहसील के सिहोरा गांव में रविवार को देखने मिला। यहां कई दिनों से सड़क किनारे बीमार पड़े गरीब को स्थानीय युवा मजबूरी में हाथठेले में लिटाकर निजी अस्पताल इलाज कराने पहुंचे। इसके पहले वे लगातार तीन-चार दिन से 108 एंबुलेंस को सूचित कर रहे थे लेकिन वह नहीं पहुंची। न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी ही गरीब की सुध लेने पहुंचा। जब खबरलाइव 24 ने इस मामले में पड़ताल शुरू की तो आनन-फानन में स्वास्थ्य महकमा जागृत हुआ और रविवार देरशाम सिहोरा में एंबुलेंस पहुंचाकर मरीज को सरकारी अस्पताल लेकर गए।
घटनाक्रम ये है कि सिहोरा गांव में ओमप्रकाश मिश्रा नाम का व्यक्ति पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा है। बेघर ओमप्रकाश सड़क किनारे से लंबे समय से बीमारी की हालत में रह रहा था। उसे बुखार के साथ-साथ उल्टी-दस्त की शिकायत थी। बताया जा रहा है कि इस शख्स के उचित इलाज के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार गाडरवारा व चावरपाठा के अस्पताल को सूचित किया लेकिन इसे भर्ती करने में रुचि नहीं दिखाई गई। स्थानीय युवाओं मोनू पटवा, हर्षित जैन ने बताया कि पिछले तीन दिन से वे लगातार 108 एंबुलेंस पर डायल कर मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए सूचना दे रहे थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। रविवार को ओमप्रकाश की हालत इस कदर बिगड़ी की वह लगातार उल्टियां, दस्त आदि करने लगा। ये देखकर उन्होंने फिर से एंबुलेंस की सेवाएं मांगी जो कि नहीं मिली, नतीजतन युवाओं ने हाथठेले का जुगाड़ कर गरीब मरीज को निजी अस्पताल ले जाकर इलाज कराया।
हर तीसरे-चौथे घर में बीमार: गाडरवारा तहसील के अंतर्गत सिहोरा क्षेत्र में इन दिनों हर तीसरे-चौथे घर में कोई न कोई बीमार है। ग्रामीणों के अनुसार यहां पर उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या अधिक है। कई बार इसे लेकर तहसील मुख्यालय व जिला अस्पताल में सूचित किया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम यहां जांच-पड़ताल करने नहीं आई। गांव के लोग अपना कोविड का टेस्ट कराना चाहते हैं लेकिन जांच नहीं हो रही है।
गांव पहुंची एंबुलेंस, मरीज को तलाशकर ले गई अस्पताल: गरीब मरीज ओमप्रकाश मिश्रा को हाथठेले से जब स्थानीय युवा निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे तब तक जिले के अधिकारी घटना से अनभिज्ञ रहे। जैसे ही खबरलाइव 24 ने इस बारे में स्वास्थ्य व राजस्व अधिकारियों से बातचीत की तो वे अलर्ट हो गए। जो एंबुलेंस नागरिकों के बुलावे पर पिछले तीन-चार दिन से नहीं आ रही थी, वही अधिकारियों की लाज बचाने आनन-फानन में रविवार देर शाम सिहोरा पहुंच गई। स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीज ओमप्रकाश्ा की पड़ताल कर उसे खोजा फिर उसे सरकारी अस्पताल इलाज के लिए ले गए।
इनका ये है कहना
सिहोरा क्षेत्र चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आता है। फिलहाल वहां पर किसी मरीज को हाथठेले पर स्वास्थ्य केंद्र लाने की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं आई है। जहां तक बात एंबुलेंस की है तो इसका कॉल सेंटर भोपाल में है, वहीं से ये सेवाएं संचालित होती हैं। इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है।
डॉ. राकेश बोहरे, प्रभारी सिविल अस्पताल गाडरवारा
सिहोरा क्षेत्र में ओमप्रकाश मिश्रा नामक मरीज के संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं आई है। हो सकता है कि वह नजदीकी गाडरवारा के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया हो। हमारे पास यदि जानकारी आती तो हम उसके इलाज की व्यवस्था करते। जहां तक बात कोविड या अन्य बीमारियों की जांच की है तो मरीज कहीं पर भी जाकर परीक्षण करा सकता है। इसके लिए कोई बंधन नहीं है।
डॉ. एसपी अहिरवार, सीबीएमओ, चावरपाठा
मरीज को हाथठेले पर लेकर ले जाना पड़ा, इस बारे में फिलहाल मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। हालांकि बीमारों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सिहोरा क्षेत्र में सक्रिय है। हम लगातार लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरूक रहने के लिए सचेत भी कर रहे हैं।
मीनाक्षी जायसवाल, तहसीलदार सिहोरा
एंबुलेंस सेवाएं भोपाल से संचालित होती हैं। आज ही मेरी भोपाल में बात हुई है, जल्द ही हमें कोविड या अन्य गंभीर बीमारों को अस्पताल पहुंचाने वाली विशेष एंबुलेंस व उनके चालकों के नंबर मिल जाएंगे। इन्हें हम सार्वजनिक करेंगे, ताकि बीमार लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। सिहोरा के ओमप्रकाश मिश्रा के मामले की मैं जानकारी लेता हूं। उसकी कोविड समेत अन्य सभी जांच कराई जाएगी।
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