नरसिंहपुर: डीएपी बिक रही 15 सौ के भाव, सरकारी गोदामों में नहीं मिल रही खाद

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डीएपी खाद जिले की जिले में कालाबाजारी हो रही है।

नरसिंहपुर। गेहूं कटाई के लिए मजदूरों की कमी से जूझने के बाद जिले का किसान एक बार फिर नए संकट से घिर गया है। उसे मूंग की बोवाई के लिए वर्तमान में यूरिया, डीएपी की सख्त जरूरत है लेकिन ये डीएमओ और एमपी एग्रो की दुकानों पर उपलब्ध नहीं है। वहीं निजी दुकानों पर इसकी कमी दिखाकर कहीं-कहीं महंगे दामों पर इसे बेचा जा रहा है। कुछ किसानों के अनुसार तो बाजार में इन दिनों 15 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से डीएपी बेचा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार गेहूं कटाई के बाद बाद तीसरी फसल के रूप में मूंग फसल के लिए डीएपी और गन्न्ा के लिए यूरिया की अत्याधिक जरूरत है। इससे चलते मांग कई गुना बढ़ गई है। वे इसे प्राप्त करने के लिए सरकारी गोदामों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन यहां अनुपलब्धता के चलते वे निजी दुकानों में मुंह मांगी कीमत देने विवश हैं। वहीं कृषि विभाग की बात करें तो दावा किया जा रहा है कि जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है, हालांकि जानकारों के अनुसार ये पुराना रिकॉर्ड है, जिसमें से बहुत सा खाद वितरित किया जा चुका है। शेष मांग की तुलना में बेहद कम है। कुल रकबे में करीब 70 फीसद तक हो चुकी बोवाई की तुलना में उपलब्ध खाद बेहद कम है।
मात्र 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध: डीएमओ राजस्वरूप तिवारी के अनुसार जिले में अभी 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। बोवनी के लिए किसानों ने डीएपी का उठाव किया है, फिलहाल सरकारी गोदामों में ये उपलब्ध नहीं है। यूरिया की मांग शासन स्तर को भेजी गई है, इसके रैक आने का इंतजार है। जानकारों के अनुसार जिले में करीब 6 हजार मीट्रिक टन खान की वर्तमान में जरूरत है।
 
‘मनमाने दामों पर न बेचें डीएपी-यूरिया, बड़े अक्षरों में दुकान पर चस्पा करें रेट लिस्ट”
जिले में डीएपी व यूरिया को मनमाने दामों पर बेंचने की शिकायतें बढ़ने के बाद कृषि महकमे ने विक्रेताओं की मनमानी पर अंकुश लगाने निर्देश दिए हैं। जिले के सभ्ाी उर्वरक विक्रेताओं, डीलर्स को विभाग ने कहा है कि वह निर्धारित दर पर ही किसानों को उर्वरक का विक्रय करें। अपनी दुकानों में बड़े अक्षरों में रेट लिस्ट चस्पा करें। कोई भी विक्रेता यदि अधिक दर पर विक्रय करते पाया गया तो उसका विक्रय लायसेंस निरस्त होगा साथ ही एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जिले में डीएपी एवं यूरिया का विक्रय मनमाने दामों पर लंबे समय से किया जा रहा है। जबकि उर्वरकों का वितरण पीओएस मशीन के माध्यम से शासन द्वारा निर्धारित दर पर किए जाने के निर्देश है। गुरुवार को उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने आदेश जारी कर उर्वरक विक्रेताओं-डीलर्स को निर्धारित दर पर उर्वरकों का विक्रय करने कहा है। अधिकारी ने आदेश में यह भ्ाी कहा है कि कतिपय उर्वरक विक्रेताओं द्वारा चोरी छिपे डीएपी-यूरिया शासन की निर्धारित दरों पर विक्रय न करते हुए किसानों को मनमाने दामों पर बेचने की श्ािकायत मिल रही है।
महामारी के दौर में किसानों को न हो असुविधा: अधिकारी ने विक्रेताओं, डीलर्स से कहा है कि महामारी के दौर में किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। महामारी जैसी विषम परिस्थितियों को देखते हुए किसानों को निर्धारित दर पर उर्वरक का विक्रय करना है। दुकानों पर निर्धारित दर की रेट लिस्ट चस्पा कराएं ताकि किसानों को दरों का पता चल सके।
यह हैं निर्धारित दाम: उपसंचालक ने कहा है कि यूरिया नीमकोटेड 45 किग्रा 266.50, डीएपी 50 किग्रा 1200, एसएसपी पाउडर 50 किग्रा 330.75, एसएसपी दानेदार 50 किलो की निर्धारित दर 362.25 रुपये है। इसी तरह म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किलो बैग की कीमत 843.50 एवं एनपीके 50 किलो की कीमत 1175 रुपये निर्धारित है।

इनका कहना है
जिले में डीएपी की उपलब्धता को लेकर कुछ शिकायतें सामने आई है। इस संबंध में रेट की सूची जारी करने के साथ ही जांच टीमों का गठन किया गया है। जो निजी दुकानदार निर्धारित से अधिक दाम पर खाद दे रहे हैं उनके विरूद्ध कार्रवाई करने का अभियान चलाया जाएगा।
राजेश त्रिपाठी, कृषि उपसंचालक नरसिंहपुर।

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