चैत्र नवरात्रि का पहला दिन, होगी मां शैलपुत्री की पूजा

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 नवरात्र के पहले दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री रूप की आराधना की जाती है। मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापित किया जाता है और अखंड दीपक प्रज्वलित किया जाता है। इसी के साथ नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। नवरात्रि का पर्व आज 13 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। नवरात्रि का शुभ शुरुआत घटस्थापना के साथ होता है। इसी दिन अखंड ज्योत जलाया जाता है तथा माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री माता पार्वती तथा उमा के नाम से भी जानी जाती हैं। माता शैलपुत्री बेहद शुभ मानी जाती हैं जिनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल मौजूद रहता है। माता शैलपुत्री वृषभ पर विराजमान रहती हैं।
पहले दिन देवी के शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के  लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए । त्रिफला बनाने के लिए आंवला, हरड़ और बहेड़ा को पीस कर पाउडर बना लें। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखती हैं।

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