नरसिंहपुर: मशीन से प्लाज्मा निकालने के लिए मांगी अनुमति तो भोपाल से भेज दिया एक्सपायरी डेट का लाइसेंस

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आनंद श्रीवास्तव

नरसिंहपुर। जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर किस कदर लालफीताशाही हावी है इसका उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि प्लाज्मा थैरेपी के लिए जिला प्रशासन ने जब अनुमति मांगी तो उच्च स्तर से एक्सपायरी डेट का लाइसेंस भेज दिया गया है। हैरत इस बात की है कि एक्सपायरी डेट एक-दो साल की नहीं बल्कि पूरे चार साल की है। जैसे ही ये लाइसेंस जिले के आलाधिकारियों के पास पहुंचा तो वे सन्न् रह गए। जब उन्होंने इसकी लिखा-पढ़ी की तो भोपाल के अधिकारियों के भी रोंगटे खड़े हो गए।
जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए नवागत कलेक्टर भरत यादव विशेष रुचि दिखा रहे हैं। उनकी सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार शाम जैसे ही खबरलाइव 24 ने उन्हें बताया कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा द्वारा दी गई प्लाज्मा थैरेपी की मशीन पिछले 10 साल से धूल खा रही है, उन्होंने तत्काल इसकी अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। नतीजा भोपाल से लेकर दिल्ली तक के अधिकारियों तक ये मामला पहुंच गया। गुरुवार देर शाम को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्लाज्मा थैरेपी की मशीन शुरू करने के मौखिक आदेश भी गए। उम्मीद जताई गई कि शुक्रवार सुबह तक लाइसेंस भी आ जाएगा। हुआ भी ऐसा, लेकिन 23 अप्रेल को जब शासन स्तर से प्राप्त लाइसेंस की पड़ताल की गई तो अधिकारी सन्न् रह गए। दरअसल जो लाइसेंस भेजा गया था उसकी मियाद चार वर्ष पूर्व यानी वर्ष 2017 मंे ही समाप्त हो चुकी थी।
लाइसेंस को रिन्यू कराने की कोशिशें शुरू: जिला अस्पताल के ब्लड बैंक व यहां रखी प्लाज्मा मशीन का कभी लाइसेंस जारी हुआ था, इस बात को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी सन्न् हैं। शुक्रवार को जब इन्हें पता चला कि वर्ष 2017 में लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई तो उनके कान खड़े हो गए। कोई ये बताने की स्थिति में नहीं था कि लाइसेंस अवधि में प्लाज्मा मशीन शुरू क्यों नहीं की जा सकी। वहीं लाइसेंस अवधि को लेकर सामने आई इस विचित्र स्थिति से निबटने के लिए जिला औषधी निरीक्षक दिनभर कागजी कार्रवाई में जुटे रहे। जानकारी के अनुसार औषधी विभाग लाइसेंस को रिन्यू कराने को लेकर भोपाल-दिल्ली के अफसरों को ईमेल करते रहे। कलेक्टर भरत यादव भी इस मामले में विशेष नजर रखे हुए हैं। कलेक्टर के अनुसार लाइसेंस रिन्यूबल में थोड़ा वक्त लग सकता है। इसकी प्रक्रिया थोड़ी लंबी है।
मशीन को शुरू करने में 15 लाख तक का खर्च: जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में स्थापित प्लाज्मा थैरेपी के मार्ग में सिर्फ लाइसेंस का रिन्यूबल कराना ही इकलौती अड़चन नहीं है। बल्कि, कंपोनेंट बनाने के लिए कुछ उपकरणों की कमी भी इसमें बड़ी बाधा है। जानकारी के अनुसार प्लाज्मा थैरेपी मशीन को शुरू करने में जिन उपकरणों की जरूरत है, उनकों मंगवाने में ही करीब 15 लाख रुपये तक का खर्चा आएगा। उपकरणों की लागत का इस्टीमेट बनाने के निर्देश जिला प्रशासन ने दे दिए हैं।
मशीन का हो चुका ट्रायल, तीन कंपोनेंट भी पूर्व में किए तैयार
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में वर्ष 2011 में रोटरी क्लब के माध्यम से वर्तमान में राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने जो प्लाज्मा थैरेपी की मशीन उपलब्ध कराई थी, उसका ट्रायल हो चुका है। इसके परिणाम भी उत्साहजनक रहे हैं। जानकारी के अनुसार स्थापना के दौर में ही अतिथि के रूप में आए सेना के अधिकारी के अलावा कुछ समय बाद तत्कालीन कलेक्टर संजीव सिंह के लिए भी कंपोनेंट तैयार किए गए थे। बताया तो ये भी जा रहा है कि इस मशीन से मौजूदा नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल के लिए भी कभी कंपोनेंट तैयार किया गया था। ट्रायल में ये मशीन अपनी गुणवत्ता और श्रेष्ठता को साबित कर चुकी है। वर्तमान में इसे जिले का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि ये अत्याधुनिक मशीन ब्लड बैंक के ऊपरी हिस्से में धूल खा रही है। गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों को इसका लाभ तक नहीं मिल पा रहा है।

इनका ये है कहना
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रखी प्लाज्मा मशीन को शुरू कराने के लिए जो शुक्रवार को जो लाइसेंस प्राप्त हुआ है, उसकी मियाद वर्ष 2017 में ही समाप्त हो चुकी है। लाइसेंस के रिन्यूबल के लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जा रहा है। इसकी कार्रवाई की जा रही है।
प्रदीप अहिरवार, जिला औषधी निरीक्षक, नरसिंहपुर।

जिला अस्पताल में प्लाज्मा मशीन को शुरू करने के लिए लाइसेंस का रिन्यूबल कराना है। इसके अलावा मशीन के लिए कुछ कंपोनेंट की जरूरत पड़ेगी, जिस पर करीब 15 लाख रुपये का खर्चा आएगा। इन सबमें थोड़ा समय लगेगा। मशीन को शुरू कराने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।
भरत यादव, कलेक्टर, नरसिंहपुर।

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