नरसिंहपुर: आइसीयू में हर मरीज की 24 घंटे निगरानी करेगी अमेरिकन एनजीओ जपाइगो 

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आनंद श्रीवास्तव
नरसिंहपुर। जिला अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आइसीयू) अपग्रेड होने वाली है। ये काम अमेरिकन एनजीओ जपाइगो को सौंपा गया है। एनजीओ अपने विशेषज्ञों के अलावा डेटा विश्लेषकों की टीम के साथ अगले हफ्ते तक जिला अस्पताल में काम शुरू कर सकती है। इसका एग्रीमेंट हो गया है। अपग्रेडेशन से आइसीयू के उपकरणों का सटीक संचालन संभव हो जाएगा। इससे चिकित्सकों को मरीज का इलाज बेहतर तरीके से करने में मदद मिलेगी। मरीज की 24 घंटे निगरानी होगी।
प्रदेश सरकार की पहल के बाद अमेरिकन एनजीओ जपाइगो प्रदेश के 51 जिलों के जिला अस्पतालों में स्थित आइसीयू को अपग्रेड कर रही है। इन्हीं में से एक नरसिंहपुर का जिला अस्पताल है। जहां के आइसीयू को अत्याधुनिक डेटा मैनेजमेंट के  जरिए अपग्रेड करने का काम मिला है। इसके लिए जिला प्रशासन स्तर पर एनजीओ के प्रतिनिधि कलेक्टर से मुलाकात कर चुके हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन से 24 अप्रेल को एनजीओ का करार भी हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि हफ्ते-दस दिन में एनजीओ की टीम जिला अस्पताल पहुंचकर आइसीयू को अपने नियंत्रण में ले लेगी।
आनलाइन होगी मॉनिटरिंग: आइसीयू को अपग्रेड करने आ रही जपाइगो एनजीओ की टीम में बायो केमिकल इंजीनियर, एमडी मेडिसिन, रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक, डेटा एनॉलिस्ट आदि सदस्य प्रमुख होंगे। एनजीओ का दफ्तर जिला अस्पताल परिसर में ही होगा। यहां पर वे निगरानी उपकरण के लिए हाइटैक कैमरों के जरिए आइसीयू वार्ड में नजर रखेंगे। आइसीयू का हर आक्सीजनयुक्त बिस्तर, अलार्म, सभी डिजिटल उपकरण और यहां मौजूद वेंटिलेटर एनजीओ के मॉनिटरिंग सिस्टम से जुड़ा होगा। आइसीयू में जो मरीज भर्ती होंगे उन्हें दी जाने वाली आक्सीजन के साथ-साथ वेंटिलेशन का डेटा पल-पल एनजीओ के विशेषज्ञों के पास पहुंचेगा। एनजीओ की चिकित्सकीय टीम मरीज के शरीर में होने वाली विभिन्न् गतिविधियों और उनकी जरूरतों के बारे में आइसीयू में मौजूद चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित करेंगे।
क्या होगा लाभ: आइसीयू वार्ड को अपने नियंत्रण में लेने के बाद जपाइगो के चिकित्सकों, बायो केमिकल इंजीनियर मरीजों को कितनी आक्सीजन दी जानी है, इसके बारे में जिला अस्पताल के चिकित्सकों को मार्गदर्शन देंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी मरीज को अधिक आक्सीजन की जरूरत है तो बायो केमिकल इंजीनियर आइसीयू में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी को बताएंगे कि किस तरह उपकरण को ऑपरेट करें, उसे कितनी आक्सीजन दी जाए। इसी तरह किन मरीजों को कम आक्सीजन देना है, इसके बारे में बताएंगे। इससे जहां प्रत्येक मरीज की निगरानी 24 घंटे सुनिश्चित हो सकेगी, वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों पर भी भार कम होगा। सबसे बड़ा फायदा ये है कि वेंटिलेशन का संचालन करना आसान हो जाएगा। मरीजों को उनकी आवश्यकता के अनुसार वेंटिलेशन दिया जा सकेगा, इस काम को करना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है। आइसीयू के मरीजों की पल्स रेट से लेकर हर छोटी-बड़ी गणना को स्टोर किया जाएगा, जिससे चिकित्सक को पता रहेगा कि मरीज को किस तरह का इलाज देना है, उसकी जरूरत क्या है।
इनका ये है कहना
प्रदेश सरकार अमेरिकन एनजीओ जपाइगो के माध्यम से प्रदेशभर के जिला अस्पताल के आइसीयू को अपग्रेड करा रही है। हमारा भी एनजीओ के साथ करार हो चुका है। इनके अगले हफ्ते तक काम संभाल लेने की उम्मीद है। एनजीओ में उनके विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा बायो केमिकल इंजीनियर और डेटा एनालिस्ट की टीम होगी। वे आइसीयू के मरीजों को किस तरह का इलाज देना है, इसके बारे में बताएंगे। इससे हर मरीज की 24 घंटे निगरानी हो सकेगी।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल नरसिंहपुर। 
हमारा एनजीओ का मुख्यालय अमेरिका में है। इसकी विभिन्न् शाखाएं भारत और प्रदेश के भोपाल में स्थित है। हम कोविडकाल में खासकर आइसीयू को उन्न्त करने का काम करते हैं। प्रत्येक मरीज की निगरानी आनलाइन डेटा मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए की जाती है। हमारे विशेषज्ञ आक्सीजन लेवल से लेकर वेंटिलेशन की 24 घंटे निगरानी करते हैं। हम जल्द ही जिला अस्पताल में काम शुरू कर देंगे।
मिस्टर डेनियल, मप्र प्रतिनिधि, जपाइगो एनजीओ
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