नरसिंहपुर: आत्महत्या करने वाले सिद्धार्थ तिगनाथ के पापा-चाचा दे चुके बयान, पुलिस ने स्वीकारी डायरी की बात

0
डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ के जीवित अवस्था का चित्र।

नरसिंहपुर। सूदखोरों के जाल में फंसे शहर के 41 वर्षीय दंत रोग विशेषज्ञ व कांग्रेस नेता डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ ने बीती 22 अप्रेल को ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। इसके पूर्व वे एक डायरी भी लिखकर गए हैं जो अब सूदखोरों के नाम उगल रही है। इंटरनेट मीडिया पर वारयल हैशटेग जस्टिस फॉर डॉ. तिगनाथ में परिजन बता रहे हैं कि सूदखोरों ने 20 से लेकर 120 फीसद तक ब्याज वसूला है। करीब पांच करोड़ रुपये वे दे चुके थे लेकिन सूदखोरों का कर्जा कम नहीं हुआ। फेसबुक-वाट्सएप पर वायरल हो रहीं बातों को उस डायरी का अंश बताया जा रहा है जिसे डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ द्वारा मृत्यु पूर्व लिखा गया था। इस तरह की डायरी होने की बात को हालांकि थाना कोतवाली की पुलिस भी पुष्ट कर रही है। पुलिस का कहना है कि मृतक के घर से एक डायरी बरामद हुई है, जिसमंे सूदखोरों के नाम शामिल हैं। अंतिम पत्र की शुरुआती लाइनों में डॉ. सिद्धार्थ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को संबोधित करते हुए लिखा है कि अवैध सूदखोरी, चेक रख कर ब्लैकमेलिंग इस पर कानून जरूर बनाइएगा। शायद मेरी जिंदगी का एक अर्थ निकले।

दस हजार से एक लाख तक की पेनाल्टी रोज: डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ की डायरी ने सूदखोरी को लेकर ऐसे राज खोले हैं जो बता रहे हैं कि माफिया के चंगुल में जो फंस गया तो समझा उसके पास सिवाय जान देने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता। डायरी में डॉ. सिद्धार्थ ने लिखा है कि 1-2 फीसद प्रतिमाह पर ब्याज देकर ये सूदखोर उधार लेने वाले को अपने चंगुल में फंसाते हैं। धीरे-धीरे स्थिति ये हो जाती है कि सूदखोर तय तारीख पर पैसे न मिलने पर दस हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये प्रतिदिन तक की पैनाल्टी वसूलते हैं। अपनी आपबीती में उन्होंने बताया है कि इन सूदखोरों ने कई ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करके उसे अपने पास रख लिया था। उनसे कहा कि जैसे ही पैसा वापस करोगे तो ये चेक लौटा दिया जाएगा लेकिन पैसा देने के बाद भी इन्होंने चेक नहीं लौटाए। उल्टे ये चेक किसी दूसरे सूदखोर को बेच दिए, जिससे दूसरा सूदखोर भी उनसे वसूली करने लगा। स्वजनों के अनुसार सूदखोरों के चंगुल में फंसकर सिद्धार्थ पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति गंवा चुके हैं लेकिन कर्जा नहीं उतरा। धरा-धमकाकर, बेइज्जत करने की धौंस देकर वसूली का क्रम जारी रहा। नतीजतन इनके पिता तक की चल-अचल संपत्ति लगभग बिक चुकी है, वहीं जो बचा है वह भी गिरवी है।
इनका ये है कहना
डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ की आत्महत्या के मामले में जांच चल रही है। अभी उनके पापा और चाचा के बयान दर्ज हुए हैं। जल्द ही उनकी पत्नी व अन्य स्वजनों के बयान भी होना है। हां, हमें सिद्धार्थ की एक डायरी मिली है, जिसमें सूदखोरों के नाम लिखे हैं, इनके भी हम बयान लेंगे। विवेचना के बाद मामला पंजीबद्ध किया जाएगा।
विजयपाल सिंह, प्रभारी टीआइ, थाना कोतवाली नरसिंहपुर। 
हमारे एसडीओपी सिद्धार्थ आत्महत्या मामले की जांच कर रहे थे, वे फिलहाल कोरोना संक्रमित हैं। इसमें कुछ स्वजनों के बयान होना बाकी है। डायरी में लिखे नामों की भी हम जांच कर रहे हैं। लेन-देन किस तरह से किया गया, इसकी भी पड़ताल की जाएगी। जो दोषी होगा, उस पर अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा। मृतक के स्वजनों ने कुछ रिकॉर्डिंग होने की बात कही है, वे साक्ष्य के तौर पर इसे उपलब्ध करा दें तो जांच में आसानी हो जाएगी।
विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक
Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!
Open chat