नरसिंहपुर। मुरैना जिले में अवैध जहरीली शराब से एक दर्जन परिवारों में मातम गूंज गया। बावजूद इसके जिले का आबकारी विभाग बेसुध है। अधिकारी अभी भी कागजी लीपापोती में जुटे हैं। उनकी कार्रवाई सिर्फ महुआ लाहन तक सीमित है। इसमें भी हैरत इस बात की है कि जिस जगह कथित दबिश का हवाला देकर महुआ लाहन जब्त करने की बात कही जा रही है, वहां से उन्हें कोई आरोपी नहीं मिल रहा है। नतीजतन अवैध शराब बेचने वाले धड़ल्ले से अपने कारोबार को कर रहे हैं।
जिले में जब से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से लेकर अब तक अवैध शराब की तस्करी के दर्जनों मामले प्रकाश में आ चुके हैं। खास बात ये है कि अवैध शराब समेत आरोपियों को हिरासत में लेने की सफलता सिर्फ पुलिस विभाग को ही मिली है। वहीं बात यदि आबकारी विभाग की करें तो इन्हें तो खुलेआम चल रही गांव-गांव उतर रही अवैध कच्ची शराब की फिक्र है न ही इनकी दिलचस्पी माफियाओं पर शिकंजा कसने में है। इसका सबूत खुद आबकारी विभाग ही दे रहा है। अधिकारी अपनी ही कार्यप्रणाली पर खुद ही सवाल खड़े कर रहे हैं।
तीन क्विंटल से अधिक महुआ जब्त पर आरोपियों का पता नहीं
आबकारी विभाग द्वारा पिछले 8-10 दिन में जिले के अलग-अलग स्थानों से करीब तीन क्विंटल महुआ लाहन जब्त करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन जिला आबकारी अधिकारी अमृता जैन को तो पता नहीं कि उनके मातहत अमले ने जिन जगहों पर दबिश थी वहां किन लोगों से महुआ लाहन जब्त किया गया। 15 जनवरी को विभाग ने दावा किया कि उसने विशेष अभियान चलाकर उमरिया गांव व स्टेशनगंज में 370 किग्रा शराब बनाने का कच्चा माल जब्त किया। 2 प्रकरण भी दर्ज किए, लेकिन मौके पर मौजूद रहीं जिला आबकारी अधिकारी समेत उनका कोई भी अधीनस्थ ये बताने को तैयार नहीं था कि किनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मजेदार बात ये थी कि खुद आबकारी अधिकारी अमृता जैन उमरिया गांव की कार्रवाई को खुद ही कठघरे में खड़ा करतीं नजर आईं। उनका कहना था कि उमरिया गांव में शराब बनाने का कच्चा माल तो मिला लेकिन कोई इसे बेचता नहीं पाया गया। हालांकि 16 जनवरी की कार्रवाई में खुद को बचाने की कोशिश जरूर करते नजर आए। इस दिन 665 किग्रा महुआ लाहन व 17 लीटर हाथ-भट्टी मदिरा बरामद करने के साथ आरोपि सोमवती मुड़िया व पुरषोत्तम मुड़िया के नाम उजागर किए गए। जबकि 17 जनवरी को पुन: विभाग अपने ढर्रे पर लौट आया। रविवार को गाडरवारा में विभाग ने 2150 किग्रा महुआ लाहन व 68 लीटर हाथ-भट्टी अवैध शराब जब्त करने का दावा किया लेकिन आरोपित कौन थे जिनसे इतनी बड़ी तादाद में अवैध सामग्री जब्त की गई, इसे बताने से जिला आबकारी अधिकारी अमृता जैन बचती रहीं।
बिक रही मिलावटी शराब आज तक नहीं लिए सैंपल
जिले में अवैध शराब का कारोबार गांव-गांव चौगुनी रफ्तार से फल-फूल रहा है। सालभर में कितनी दुकानों से शराब की सैंपलिंग की गई, या फिर महुआ लाहन के सैंपल लिए गए, इस बारे में आबकारी अधिकारी खुद स्वीकारते हैं कि उन्होंने कोई सैंपलिंग नहीं की। हैरत की बात ये है कि मुरैना में दर्जनभर से अधिक मौत के बाद भी जिले का आबकारी विभाग शराब की सैंपलिंग करने की हिम्मत तक नहीं जुटा सका। ये बात और है कि मीडिया में लगातार उठ रहे सवालों के बीच खुद के बचाव के लिए पिछली तीन कथित महुआ लाहन की खेप जब्ती के मामले में अधिकारी सैंपल लेने की बात कहने लगे। जबकि अंग्रेजी शराब के मामले में माफिया पर मेहरबानी जिला आबकारी विभाग की बनी हुई है।
इनका ये है कहना
15 जनवरी के पहले तक जिला आबकारी विभाग ने जब्त किए गए महुआ लाहन या अन्य पकड़ी गई हाथ-भट्टी, अंग्रेजी जैसी अवैध शराब के मामले में किसी तरह की कोई सैंपलिंग नहीं की। न ही किसी मामले में जब्त की गई शराब की जांच प्रयोगशाला में कराई है।
डीसी चतुर्वेदी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी नरसिंहपुर।