आज से इंदौर-भोपाल मेले में बिखरेगी करेली गुड़ की मिठास तथा गाडरवारा तुअर दाल की सौंधी खुश्बू

एक जिला एक उत्पाद के लिए करीब 70 किसान 220 क्विंटल गुड़ 35 क्विंटल दाल लेकर मेला स्थल पहुंचे

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 नरसिंहपुर। करेली गुड़ न केवल जिले और प्रदेश में ही बल्कि देश- विदेश में भी अपने विशेष स्वाद के लिए पसंद किया जाता है। जिले के 40 से 50 किसानों से स्वसहायता समूहों और एफपीओ द्वारा विभिन्न् आकार एवं फ्लेवर में गुड़ उपलब्ध कराया जाएगा। ।जिले के लगभग 50 हजार किसान पारंपरिक तरीके से तुअर की देशी प्रजातियों और शोध के बाद तैयार की गई नवीनतम प्रजातियों से तुअर का उत्पादन करते हैं। गाडरवारा की दाल शीघ्र पकने और अपने सौंधेपन के स्वाद के लिए मशहूर है। देश-विदेश में अपनी मिठास और जायके के लिए ख्यात जिले का गुड़ और सौंधेपन की खासियत वाली जिले की तुअर दाल आज 8 जनवरी से भोपाल-इंदौर में लगने वाले गुड़ मेले में बिकेगी। राज्य शासन की एक जिला एक उत्पाद की अवधारणा के तहत यह गुड़ मेला 8 से  10 जनवरी तक लगेगा। जिसमें करीब 160 क्विंटल गुड़ और 20 क्विंटल दाल के साथ करीब 45 किसान भोपाल पहुंचे हैं जबकि 25 से ज्यादा किसान करीब 60 क्विंटल गुड़ व 15 क्विंटल दाल लेकर इंदौर पहुंचे हैं। गुड़ मेला के लिए विशेष तौर पर अदरक, इलायची, आंवला फ्लेवर में गुड़ की पैकिंग की गई है। गुड़ कैंडी, पाउडर भी उपलब्ध है। वहीं दाल में एक किलो से 5 किलो तक की पैकिंग है।
जिले के गुड़ को करेली ब्रांड के नाम पर तैयार किया गया है। इन उत्पादों के प्रमोशन के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और जिला प्रशासन नरसिंहपुर के तत्वावधान में भोपाल एवं इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक गुड़ मेला लग रहा है। यह मेला भोपाल में भोपाल हाट बाजार में और इंदौर में इंदौर हाट बाजार में लगेगा। इस मेले में करेली गुड़ विभिन्न् फ्लेवर व साइज-पैकिंग में उपलब्ध रहेगा। करेली गुड़ एवं गाडरवारा तुअर दाल सेहत के लिए फायदेमंद है। इंदौर एवं भोपाल के नागरिक गुड़ मेला में पहुंचकर जिले के प्रसिद्ध एवं स्वास्थ्यवर्धक करेली गुड़ और तुअर दाल खरीद सकते हैं। उपसंचालक कृषि राजेश त्रिपाठी ने बताया कि भोपाल व इंदौर मेले में करीब 70 किसान अपने उत्पाद लेकर पहुंचे हैं तो 10 जनवरी तक गुड़-दाल का विक्रय करेंगे।


जिले में लगती हैं 5 हजार से ज्यादा भटि्टयां

जिले की उर्वर भूमि में करीब 70 हजार हेक्टर रकबे में गन्ने की खेती है। 45 हजार हेक्टर में तुअर की खेती की जाती है। जिले में करीब 5 हजार गुड़ भटि्टयां किसानों के खेतों पर बनती हैं। इन गुड़ भटि्टयों में नवंबर माह से शुरू होकर मार्च तक गुड़ बनाया जाता है। इस अवधि में जिले के बाजारों में लगभग एक लाख मेट्रिक टन गुड़ विक्रय के लिए उपलब्ध रहता है। करेली गुड़ का अपना एक प्रसिद्ध ब्रांड है।   जिले में 20 से 30 हजार मेट्रिक टन दाल का उत्पादन होता है। करेली गुड़ और गाडरवारा तुअर दाल के प्रमोशन के लिए कलेक्टर वेद प्रकाश ने अभिनव पहल की है। अगले चरण में ग्वालियर, दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में भी जिले के किसानों के गुड़ की मिठास एवं दाल के सौंधेपन से लोगों को परिचित कराया जाएगा।

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