प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं से कहा गया कि वे घर- घर जाकर सम्पर्क करें और नशा करने के दुष्परिणाम बतायें। इस बारे में लोगों को जागरूक करें। गीत- संगीत मंडली और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से भी नशा करने वालों को और उनके परिजनों को जागरूक किया जावे। परिवार के किसी सदस्य द्वारा नशा करना भी उनके बच्चों के कुपोषण का कारण हो सकता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप पुलिस अधीक्षक आकाश अमलकर ने अवैध शराब व मादक पदार्थों के विक्रय से जुड़े व्यक्तियों की सूचना नजदीकी पुलिस थाने में देने की बात कही गई, ताकि इन लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सके।
इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राधेश्याम वर्मा, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जनकल्याण श्रीमती अंजना त्रिपाठी मौजूद थी।