नरसिंहपुर। गाडरवारा थाना क्षेत्र के सालीचौका में सात साल पहले दीवार ढहने के चलते सात मजदूरों की मौत हो गई थी, तीन घायल हो गए थे। गैर इरादतन हत्या और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण की सुनवाई में विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी अखिलेश शुक्ला ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया। इसके अनुसार तीन में से दो आरोपियों को दोषी मानते हुए दो-दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। इनके विरुद्ध प्रत्येक मृतक के हिसाब से दो-दो हजार रुपये का आरोपियों पर जुमरना लगाया गया है। यह राशि अदा नहीं करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास दोषियों को भुगतना होगा।
शिकायतकर्ता अरविंद अहिरवार ने गाडरवारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह 29 सितंबर को 2015 को सालीचौका के डांग मोहल्ला निवासी दो सगे भाईयों मनीष राय (47) व आशीष राय के गोदाम निमरण के लिए गया था। उसके साथ दस अन्य मजदूर थे। दोपहर करीब एक बजे मजदूरों द्वारा मना करने के बावजूद और गोदाम में नवनिरि्मत दीवार गिरने की संभावना का ज्ञान होते हुए भी जेसीबी से पुराई का कार्य शुरू कर दिया गया। थोड़ी ही देर में जेसीबी की टक्कर लगने से दीवार ढह गई। मलबे में दबकर सात मजदूरों रमेश अहिरवार, पुन्नू अहिरवार, सुखराम अहिरवार, मोहन अहिरवार, मेघराज अहिरवार, किशोरीलाल अहिरवार व राजेश कहार की मृत्यु हो गई। तीन मजदूर अरविंद, राजकुमार व सुरेश घायल हो गए थे। घटना वाले दिन ही थाने में गैरइरादतन हत्या का मामला मनीष-आशीष राय के अलावा नरेश यादव (42), निवासी गोटीटोरिया थाना चीचली के विरुद्ध दर्ज किया गया। बाद में एससी, एसटी एक्ट के तहत भी धाराएं जोड़ी गई। 3 नवंबर को आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा। न्यायालय ने मनीष, आशीष राय को दोषी माना, जबकि सबूत के अभाव में चालक नरेश यादव को बरी कर दिया।