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नरसिंहपुर। पिछले दो साल से बरगी-सिंहपुर रेल ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है लेकिन ये कब खत्म होगा, इसकी निश्चित अवधि बताने वाला कोई नहीं है। अधूरा निर्माण स्थानीय लोगों के लिए दिन-प्रतिदिन समस्याएं पैदा कर रहा है।
शहर में सींगरी नदी के उस पार बरगी रोड पर दो साल पहले रेल ओवरब्रिज निर्माण की आधारशिला रखी गई थी। वैसे तो इसका निर्माण एक साल में पूरा हो जाना था लेकिन सड़क के आसपास व्याप्त अतिक्रमण को हटाते-हटाते निर्माण पूरा होने की अवधि बढ़ती रही। हालांकि बरगी क्षेत्र में इसका निर्माण कोरोनाकाल के पहले ही खत्म कर लिया गया। यहां पर निर्माण में एजेंसी को अधिक बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ा। जबकि शहर की ओर जोड़ने वाली पाठक वार्ड की सड़क पर ब्रिज का काम करने में निर्माण एजेंसी के पसीने छूट रहे हैं। 1 नवंबर 2020 के बाद जब बरगी रेल गेट बंद किया गया तो उम्मीद की गई थी कि निर्माण दो माह में पूरा हो जाएगा लेकिन यहां पर पुन: अतिक्रमण और देवी मंदिर की बाधा ने करीब दो माह तक निर्माण को बाधित किए रखा। एसडीएम-तहसीलदार ने तमाम नोटिस किए, कार्रवाई की चेतावनी दी तब कहीं जाकर 1 फरवरी को मंदिर अन्यत्र स्थानांतरित किया गया।
एक तरफ पीयर, दूसरी तरफ अफसरों का इंतजार
रोड ओवरब्रिज के निर्माण में मंदिर की बाधा जरूर दूर हो गई लेकिन निर्माण अभी भी अधर में है। इसकी वजह अब आम आदमी या कोई अतिक्रमणकारी नहीं बल्कि रेलवे प्रशासन है। बताया जा रहा है कि रेल पटरियों के ऊपर दो तरफ के ब्रिज को जोड़ने वाले स्लैब का निर्माण रेलवे को करना है। इसके लिए रेलवे ने शहर की ओर वाले हिस्से में सरिया डालकर पीयर खड़े कर दिए हैं, जबकि दूसरी ओर बरगी वाले हिस्से में पिछले 8 दिन से सरिया बंधा हुआ है लेकिन इसका रेल ब्रिज विभाग के अफसरों द्वारा निरीक्षण न कर पाने के कारण पीयर (कंक्रीटयुक्त बेस) खड़ा नहीं हो पा रहा है। ठेकेदार भी अफसरों के इंतजार में है कि कब अफसर जांच करें ताकि निर्माण को गति दी जा सके।
धूल-मिट्टी में जीना हुआ मुहाल
रेल ओवरब्रिज के निर्माण में हो रही देरी अब स्थानीय लोगों के लिए कई गुना परेशानी बढ़ाने वाली साबित हो रही है। जेसीबी से हो रही खोदाई के चलते घरों में धूल-मिट्टी से लोगों का जीना मुहाल होता जा रहा है। निर्माण की मंथर गति के कारण लोगों में अब आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार एक तो उन्हें रेललाइन के उस पार जाने के लिए पांच-छह किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है, दूसरी ओर निर्माण की लगातार बढ़ती अवधि उनकी जीवनचर्या के लिए नरक समान हो गई है। न तो वे घर के सामने अपने वाहन खड़े कर पा रहे हैं न ही निर्माणाधीन पुल के दोनों ओर सुगम आवागमन ही उनके लिए संभव हो पा रहा है। नागरिकों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि 1 नवंबर को जब बरगी का रेल गेट बंद किया गया था तो रेल प्रशासन ने वादा किया था कि 30 नवंबर तक नया अंडरपास बनकर तैयार हो जाएगा जिससे वे रेललाइन पार, स्कूल आदि सुलभता से आ-जा सकेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उद्योगनगरी के पास अंडरब्रिज समेत सड़क का निर्माण बंद पड़ा है, लोगों को चंद कदम दूर रेललाइन पार करने के लिए विपतपुरा के रास्ते पांच से छह किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है।
एक-दूसरे पर जवाबदेही थोप रहे अफसर
उद्योगनगरी के पास अंडरब्रिज और रेल फाटक के समीप पुल का निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा, इसे लेकर अब रेलवे का ब्रिज विभाग पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है। विभाग के इंजीनियर अब ये कहते नजर आ रहे हैं कि अंडरब्रिज के निर्माण की जवाबदेही हमारी नहीं बल्कि रेल स्टेशन अधीक्षक की है। वहीं ओवरब्रिज के मामले में उनका कहना है कि निर्माण कार्य जारी है।