उनका कहना था कि कंपनी की मनमर्जी के कारण उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। न तो कंपनी ने उन्हें नियुक्ति पत्र दिया है, न ही बीमा कराया है। सुरक्षा उपकरण दिए बगैर ही उनसे काम कराया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार कंपनी द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को नियत तिथि पर वेतन के साथ-साथ मिलने वाला 583 रुपये का बोनस भी नहीं दिया जा रहा है।
उनका आक्रोश इस बात को लेकर अधिक रहा कि कुशल श्रमिक को अर्धकुशल श्रमिक का वेतन मिल रहा है, जो कि टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन है। उनका कहना है कि पूर्व में कार्यरत कंपनी उन्हें हर माह की 7 तारीख को वेतन के साथ तय बोनस भी देती थी। अधीक्षण यंत्री कार्यालय में धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि तीन माह बीत जाने के बाद भी कंपनी ने किसी को को भी नियुक्ति पत्र व बीमा संबंधी दस्तावेज, सुरक्षा उपकरण आदि मुहैया नहीं कराए हैं।