अभी तक नहीं मिली शिक्षकों को क्रमोन्नति, सीआर न मिलने पर वापिस हुई जिला पंचायत से फाइल
शिक्षक संघ शीघ्र मांग पूरी न होने पर बैठेगा धरने पर
नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश सरकार ने 3 वर्ष पूर्व सहायक शिक्षकों,
उच्च श्रेणी शिक्षकों, पदोन्नत प्रधान पाठकों एवं व्याख्याताओं को तीसरी क्रमोन्नति देने की घोषणा की थी। इससे पूर्व व्याख्याताओं को समयमान वेतनमान देने के आदेश जारी किए गए थे। परंतु नरसिंहपुर जिले में तीन तीन डीईओ बदलने के बाद भी मामला जहां का तहां है। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने तृतीय क्रमोन्नति के लिए पूर्व कलेक्टरों अभय वर्मा,दीपक सक्सेना से तीन तीन बार मुलाकात की थी एवं पूर्व जिला पंचायत सीईओ प्रतिभा पाल, अहिरवार जी एवं वर्तमान सीईओ केके भार्गव को भी कई पत्र दिए गए हैं पर मामला अभी भी अटका है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों के संबंध में वर्ष 2003 से ही स्पष्ट आदेश होने के बावजूद अभी तक फाइलें डीईओ एवं कलेक्ट्रेट के बीच ही चक्कर लगा रही हैंं।
कहां गई शिक्षकों की सी आर?
इस संबंध में मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के संभागीय सचिव आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया की वर्तमान डीईओ अरुण कुमार इंगले ने क्रमोन्नति प्रस्ताव कलेक्टर को अनुमोदनार्थ भेजे थे। कलेक्टर महोदय ने फाईलें जिला पंचायत भेज दींं परंतु वहाँ के लेखा अधिकारी ने समस्त कर्मचारियों की 5 वर्ष पूर्व की गोपनीय चरित्रावली( सी आर) की मांग करते हुए फाइल लौटा दींं। पूरा मामला शिक्षकों की सीआर ना होने के कारण आज भी लटका हुआ है। जबकि 17 जनवरी 2017, 20 जनवरी 2017, 15 दिसंबर 2017, 3 जनवरी 2018 को बार-बार पत्र भेजकर तत्कालीन डीईओ जे के मेहर ने संकुल प्राचार्यों से सीआर एवं सेवा पुस्तिकाएं कार्यालय में मंगवाई थींं। मेहर जी के स्थानांतरण के बाद वर्तमान डीईओ अरुण कुमार इंगले ने 27 जनवरी 2020 एवं 17 अगस्त 2020 को संकुल, डाईट,बीईओ, बीआरसी कार्यालय आदि को पत्र लिखकर प्रधान पाठकों/ शिक्षक संबर्गों की सी आर की पुनः मांग की।यहां सवाल यह उठ रहा है कि क्या कारण है कि संकुल प्राचार्यों ने वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक 4 सालों में सीआर नहीं भेजी? संकुल प्राचार्यो का कहना है की वो सीआर कभी की भेज चुके हैं। यह ऑफिस के गैर जिम्मेदारों के द्वारा गुमा दी गई हैंं। अगर संकुल प्राचार्यों ने सीआर नहीं भेजी तो सामान्य प्रशासन विभाग का 31 मई 2003 का आदेश है कि प्रत्येक जिला स्तरीय नियुक्त प्राधिकारी संबंधित जिला कलेक्टर एवं विभागाध्यक्ष को प्रत्येक वर्ष की 31 जुलाई तक इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा कि उसने उस वर्ष के तीस जून तक लंबित सभी क्रमोन्नति मामलों का निपटारा कर दिया है। यही नियम प्राचार्य के लिए भी है कि मार्च की स्थिति में अधीनस्थों की सीआर अप्रैल तक वरिष्ठ कार्यालय में जमा करने के बाद ही उनका वेतन आहरित होगा। यदि उन्होंने सी आर जमा नहीं की तो कैसे उनका वेतन इतने बरसों से आहरित हो रहा है?
नरसिहपुर जिले में 2 साल के विलंब के बाद सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति मिल गई लेकिन उच्च श्रेणी शिक्षक एवं उच्च श्रेणी से प्रधान पाठक माध्यमिक शाला तथा व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को आज तक क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिला है।
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के संभागीय सचिव आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव, प्रांतीय प्रकोष्ठ संयोजक सीएल कोष्टी, जिलाध्यक्ष अंचल शर्मा, सचिव सत्य प्रकाश त्यागी, उपसचिव परवेज अख्तर खान, व्याख्याता रजनीश जैन, चंद्र प्रकाश अग्रवाल आदि ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से इस प्रकरण को अविलंब निपटाने की अपील की है। प्रकरण शीघ्र निराकृत न होने की दशा में संभाग इकाई और जिला इकाई धरने पर बैठने पर मजबूर होंगे।