Khabar Live 24 – Hindi News Portal

पास के बाद भी घर से काम करने को प्राथमिकता दे रहे पत्रकार, मान रहे खतरा बहुत बड़ा

 

नरसिंहपुर। कोरोना वायरस के तीसरे चरण में प्रवेश करते ही खतरा बढ़ गया है। अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए अखबार, न्यूज़ चैनल, वेब पोर्टल और समाचार एजेंसियों से जुड़े पत्रकार, मीडियाकर्मी भी अब घर से काम करने को तवज्जो दे रहे हैं। यद्यपि जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों को लॉक डाउन की अवधि तक के लिए पास जारी किया गया है, जिसके तहत वो घर से निकलकर कवरेज आदि कर सकते हैं। बावजूद इसके स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरे को देखते हुए पत्रकारों ने भी खुद को एक तरह से लॉक डाउन कर लिया है। वे घर के बाहर निकलने से बचने लगे हैं। बहुत जरूरी होने और विशेष सॉफ्टवेयर जैसी तकनीकी समस्या के चलते ही प्रिंट मीडिया से जुड़े कुछ पत्रकार घंटे-दो घंटे के लिए ही ऑफिस पहुँच रहे हैं। गौरतलब है कि कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कोरोना वायरस के तीसरे चरण में प्रवेश के मद्देनजर बीते दिवस मीडियाकर्मियों से और उनके परिवार अत्यंत जरुरी कवरेज के लिए घर से बाहर आने का आव्हान किया था। जिले के पत्रकारों ने इसका समर्थन किया है।

इन संस्थानों के पत्रकार घर में हुए लॉक डाउन



  घर में सुरक्षित रहकर भी हो सकते हैं काम, प्रशासन की व्यवस्था में हमारा विश्वास

पत्रकार भी इंसान ही हैं। कवरेज के लिए दिया गया पास हमें घर से निकलने की इजाजत तो दे सकता है लेकिन ये हमें वायरस के प्रकोप से दूर रखेगा ऐसा बिलकुल नहीं है। हमें अपनी सुरक्षा खुद तय करनी होगी। काम करने के लिए घर से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। कभी जनहित के लिए बाहर कवरेज की जरुरत पड़ेगी तो हम जरूर पत्रकारिता का धर्म निभाएंगे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने हमारे स्वास्थ्य के बारे में सोचा ये उत्साहजनक है।

विक्रांत पटेल, स्थानीय संपादक यश भारत

मौजूदा संकट में घर से सुरक्षित माहौल कही मिल भी नहीं सकता है। कोरोना तीसरे चरण में पहुंच चुका है। भले ही हम पर बाहर निकलने पर रोक न हो लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है की हम जान बूझकर अपने को और अपने आश्रितों को खतरे में डाल दें। हम जिला प्रशासन की अपील और उसकी व्यवस्था के साथ हैं। जरुरत पड़ेगी तो ही बाहर कवरेज करने जरूर निकलेंगे। – दीपक श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार, दैनिक जागरण

यकीनन बहुत अधिक खतरा है। पूरी सरकारी मशीनरी लोगों की सुरक्षा में लगी है। इसलिए हम पत्रकारों ने व्यवस्था में सहभागिता और भरोसा रखते हुए घर से ही काम करना शुरू कर दिया है। जान की सुरक्षा से बड़ी आज की तिथि में कुछ नहीं है। जनहित के लिए जब बाहर निकलने की जरुरत पड़ेगी तो जरूर निकलेंगे। फिलहाल प्रशासन का सहयोग करना सबकी जिम्मेदारी है। – अभिषेक श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार, सहारा समय

मैंने अपना पूरा ऑफिस घर में शिफ्ट कर दिया है। यही बैठकर समाचारों का संपादन, प्रसारण कर रहा हूँ। कोई दिक्कत नहीं आ रही है। सच कहूँ तो घर पर काम करने से परिजन भी सुकून की सांस ले पा रहे हैं। वैसे भी जिला प्रशासन मुस्तैदी से दिन भर की ख़बरें उपलब्ध करा ही रहा है। कोई विशेष खबर होती है तो कलेक्टर-एसपी से फोन पर बाईट -वीडियो मिल जाता है। कलेक्टर की अपील का सम्मान करते हैं। घर पर रहना हमारी सुरक्षा के लिए जरुरी है।  – पंडित मदन तिवारी, बंसल न्यूज़, रेड अलर्ट

लॉक डाउन के पहले दिन से ही मैं घर से काम कर रहा हूँ। इसमें कोई दिक्कत नहीं आयी। जिले में सब कुछ बंद है तो बेमतलब घर से निकलने का कोई मतलब नहीं है। घर में परिवारवालों के बीच रहने से उन्हें भी ख़ुशी हो रही है, वे भी चिंतामुक्त है। निष्पक्ष ख़बरों के लेखन का घर से बाहर निकलने न निकलने से कोई सम्बन्ध नहीं है।

ब्रजेश दीक्षित, ब्यूरो प्रमुख राज एक्सप्रेस

वर्क टू होम में कोई दिक्कत नहीं है। मैं लॉक डाउन के दिन से ही घर से काम कर रहा हूँ। वाकई खतरा बड़ा है , इसलिए सबको अपनी सुरक्षा के प्रति सजग होना होगा। आम आदमी से अपील करता हूँ कि प्रशासन का सहयोग करते हुए लॉक डाउन की अवधि में घर पर ही रहें।                          –  अनुज ममार, आज तक