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63 करोड़ रुपये के जब्त किये गये प्राचीन एवं मध्ययुगीन सिक्कों को सौंपा गया भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को

 केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने  नार्थ ब्लॉक में आयोजित एक समारोह में जब्त किये गये प्राचीन एवं मध्यकाल के पुरावशेषों/सिक्कों को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  प्रहलाद सिंह पटेल को सौंपा।

 

जब्त किये गये कुल 40,282 सिक्के में से कुछ 1206 से 1720 ई. की अवधि के सल्तनत और मुगल काल, कुषाण, यौधेय, गुप्त, प्रतिहार, चोल, राजपूत, मुग़ल, मराठा, कश्मीर जैसी रियासतों के हैं और कुछ ब्रिटिश भारत, फ़्रांसिसी और 1800-1900 ई. की अवधि के आस्ट्रेलियाई सिक्के भी हैं। जब्त किये गये सामान में शासक के प्राधिकार से शाही आदेश को अमल करने वाले व्यक्ति द्वारा पहनी जानी वाली 18 प्राचीन मुद्राएं/मुहरें/धार्मिक प्रतीक और शाही/संपन्न परिवार की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला 1 चांदी का कमरबंद भी शामिल है।

दिनांक 21 जून 1994 को दिल्ली एयरपोर्ट पर एक मामला उस समय दर्ज किया गया था, जब सीमा शुल्क विभाग ने हांगकांग की यात्रा कर रहे दो विदेशी नागरिकों को रोका था और उनके पास से इन प्राचीन सिक्कों, तांबे की मुद्राओं/मुहरों, चांदी के कमरबंद और अन्य पुरावशेषों का एक हिस्सा जब्त किया था। बाद की तलाशी में, शहर में एक मकान से शेष सोने के सिक्के और सामान को जब्त किया गया था।

उचित कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, भारतीय सीमा शुल्क विभाग ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जब्त किये गये इन पुरावशेषों/सामानों के मूल्य का पता लगाने का अनुरोध किया और इन वस्तुओं के मूल्य का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया। इस समिति ने जनवरी/जून 2020 में अपनी रिपोर्ट पेश की और 40,301 प्राचीन वस्तुओं का मूल्य 63.90 करोड़ रुपये आंका गया। इसके बाद, सीबीआईसी द्वारा जारी डिस्पोजल मैनुअल, 2019 के पैरा 17.9 के अनुरूप, विभाग द्वारा इन जब्त वस्तुओं को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सौंपा गया है।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव डॉ. अजय भूषण पांडे, सीबीआईसी के अध्यक्ष  एम. अजीत कुमार, बोर्ड के सदस्य, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।