Khabar Live 24 – Hindi News Portal

अपरा एकादशी विशेष: अपरा एकादशी व्रत कथा एवं शुभ मुहूर्त

 

हिन्दू धर्म में हर एक तिथि का अपना एक महत्व होता है आज अपरा एकादशी है जिसका हिन्दू धर्म में खासा महत्व है इस दिन भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी का पूजन व व्रत रखा जाता है।  ज्‍येष्‍ठ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है।   अपरा एकादशी को लेकर मान्यता प्रचलित है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को उनके जाने.अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।


व्रत कथा
महीध्वज नामक एक धर्मात्मा राजा था। राजा का छोटा भाई वज्रध्वज बड़े भाई से द्वेष रखता था। एक दिन अवसर पाकर इसने राजा की हत्या कर दी और जंगल में एक पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु होने के कारण राजा की आत्मा प्रेत बनकर पीपल पर रहने लगी। मार्ग से गुजरने वाले हर व्यक्ति को आत्मा परेशान करती। एक दिन एक ऋषि इस रास्ते से गुजर रहे थे। इन्होंने प्रेत को देखा और अपने तपोबल से उसके प्रेत बनने का कारण जाना।

ऋषि ने पीपल के पेड़ से राजा की प्रेतात्मा को नीचे उतारा और परलोक विद्या का उपदेश दिया। राजा को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए ऋषि ने स्वयं अपरा एकादशी का व्रत रखा और द्वादशी के दिन व्रत पूरा होने पर व्रत का पुण्य प्रेत को दे दिया। एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त करके राजा प्रेतयोनि से मुक्त हो गया और स्वर्ग चला गया।

व्रत का शुभ मुहूर्त 
एकादशी तिथि का आरंभर 17 मई 2020 को 12:44 बजे
एकादशी तिथि का समापनर 18 मई 2020 को 15:08 बजे