नरसिंहपुर: अवैध बल्ला कॉलोनी बसाने वाला माखीजा बोला- हमने जो प्लाट बेचे वे अवैध, सरकार ही करेगी इसे वैध

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नरसिंहपुर। जिले में अवैध रूप से बसाई जा रहीं कॉलोनियों के निर्माता अब खुलेआम स्थापित नियम-कानूनों को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। इसका उदाहरण स्टेशनगंज में अवैध रूप से बसाई गई बल्ला कॉलोनी के कर्ता-धर्ता हैं।

नरसिंहपुर। स्टेशनगंज स्थित अवैध बल्ला कॉलोनी में आने-जाने छोड़ा गई संकरी भूमि, यहां सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है।

कॉलोनाइजर राजेश माखीजा तो साफ कह रहे हैं कि उनके बेचे गए प्लाट अवैध हैं, क्योंकि टाउन एंड कंट्री में कॉलोनी बसाहट के लिए जितनी जमीन की जरूरत होती है वह उनके पास नहीं थी। इस लिए कॉलोनी को वैध करने यहां मूलभूत सुविधाओं को स्थापित करने का जिम्मा प्रदेश सरकार का है। वे कुछ नहीं करेंगे।
बल्ला कॉलोनी, शुभनगर के बाजू में स्टेशनगंज के रहवासियों ने कॉलोनाइजर राजेश पिता चेतराम माखीजा कृष्णा वार्ड और भगवनप्रकाश पिता मुन्न्ालाल सेन तिलक वार्ड समेत विद्युत ठेकेदार शिवम पिता हीरालाल पाठक के खिलाफ षडयंत्र रचकर, झूठे आश्वासन देकर फर्जी व भ्रष्ट तरीके से धनराशि ऐंठने समेत बिजली-नल कनेक्शन आदि की सुविधा कॉलोनी विकास एक्ट के तहत प्रदान नहीं करने के चलते एफआइआर दर्ज करने की मांग की है।

नरसिंहपुर। नालीविहीन अवैध बल्ला कॉलोनी, जहां के मकानों का गंदा पानी आसपास ही जमा रहता है।

मंगलवार शाम कलेक्टर, एसपी, नपा सीएमओ, बिजली अधिकारियों, विधायक व मुख्यमंत्री के नाम बल्ला कॉलोनी के 21 रहवासियों ने शिकायत दी है। इसमें बताया गया है कि कॉलोनाइजर राजेश माखीजा व भगवनप्रकाश सेन ने वर्ष 2016 में 43 हजार 578 वर्गफुट जमीन पर प्लाट काटकर महंगी कीमतों पर बेचे। प्लाट खरीदने वालों से वादा किया गया कि उन्हें कॉलोनी विकास अधिनियम के तहत सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। हालांकि प्लाट खरीदने के दौरान रजिस्ट्रियों में न तो अनुमोदित कॉलोनी का कोई नक्शा लगाया गया न ही टाउन एंड कंट्री से कॉलोनी स्वीकृति का ही कोई पत्रक लगा था। प्लाट बेचने के बाद अवैध कॉलोनाइजर सड़क, पानी, बिजली की सुविधाएं देने से भी मुकरने लगे। बल्ला कॉलोनी में पांच साल बाद भी नल, बिजली, नाली, सड़क, बगीचा आदि की सुविधा स्थापित नहीं हो सकी है।
ग्रीनलैंड भूमि का करा दिया डायवर्सन
रहवासियों ने शिकायत में बताया कि खसरा नंबर 334/52 मौजा मुशरान वार्ड कंदेली की भूमि का जो डायवर्सन आवासीय निर्माण के लिए कराया गया है वह भूमि ग्रीनलैंड है। आरोप लगाया गया है कि डायवर्सन का रकबा भाग 0.450 हेक्टेयर से अधिक भूमि का फर्जी तरीके से व्यपवर्तित बताकर इसको बेची गई है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार इस मामले की वे पिछले तीन साल से लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन अब तक अवैध कॉलोनी बसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
तीन लाख देकर भी नहीं दिया बिजली कनेक्शन
शिकायत में बताया गया है कि बिजली कनेक्शन के नाम पर कॉलोनाइजरों ने उनसे तीन लाख रुपये तो ले लिए लेकिन आज तक उन्हें स्थाई कनेक्शन नहीं मिला है। सभी लोग अस्थाई कनेक्शन के सहारे महंगी व्यावसायिक दरों पर बिजली का बिल अदा कर रहे हैं। उन्होंने अधीक्षण व कार्यपालन यंत्री को भी इस बारे में अवगत कराया है। हालांकि इस संबंध में ठेकेदार शिवम पिता हीरालाल पाठक का कहना है कि कॉलोनाइजर ने उन्हें तीन महीने पहले ही बिजली कनेक्शनों का काम सौंपा है। काम किया जा रहा है।
कॉलोनाइजर की दो टूक- हम पर लागू नहीं होते नियम-कायदे
टाउन एंड कंट्री के नियमानुसार किसी कॉलोनी को विकसित करने के लिए कम से कम 5 एकड़ जमीन का होना अनिवार्य है। इसी पर नक्शा स्वीकृति के बाद प्लाट बेचने की अनुमति जारी होती है। वहीं बात बल्ला कॉलोनी की करें तो यहां कॉलोनाइजर राजेश माखीजा का कहना है उनके पास आधा एकड़ से अधिक की निजी भूमि थी, जिस पर कॉलोनी विकास की अनुमति टाउन एंड कंट्री से नहीं मिल सकती थी। इसलिए उन्होंने अपने मन से ही 14 आवासीय प्लाट बेच दिए। वे बेबाकी से यह कहने से नहीं चूक रहे कि उनके पास कॉलोनी विकास का कोई नक्शा ही नहीं है। और तो और उनका ये तक कहना है कि रजिस्ट्री के समय ही उन्होंने क्रेताओं को बता दिया था कि किसी तरह की पक्की सड़क, नाली आदि की सुविधाएं नहीं मिलेंगी। माखीजा के अनुसार उनकी कॉलोनी निश्संदेह अवैध्ा है, इसे वैध करने का जिम्मा मप्र सरकार का है, इसे लेकर घोषणा भी हो चुकी है। इसलिए वे कोई सुविधा नहीं देंगे।

इनका ये है कहना
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शा स्वीकृत कराए बगैर प्लाट बेचना गंभीर अपराध है। बल्ला कॉलोनी के कॉलोनाइजरों ने यदि ऐसा किया है तो इनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। जहां तक सरकार द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने का सवाल है तो इससे प्लाट बेचने वालों का अपराध माफ नहीं हो जाएगा। मामला संज्ञान में आया है, इसकी जांच-पड़ताल करवाते हैं।
राधेश्याम बघेल, एसडीएम, नरसिंहपुर।

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