जिला आयुष अधिकारी ने बताया कि स्वर्ण प्राशन बच्चों के संपूर्ण शारीरिक व बौद्धिक विकास, एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक है। साथ ही बच्चों को बार-बार होने वाले संक्रमण सर्दी, बुखार से सुरक्षित रखता है। यह बच्चों की पाचन क्रिया को भी ठीक रखता है, जिससे पेट संबंधी रोग नहीं होते। स्वर्ण प्राशन बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक है। यह शुद्ध स्वर्ण के साथ गाय के घी, शहद, ब्राह्मी, बचा, शंखपुष्पी जैसी औषधियों से निर्मित होता है। बच्चे को 6 माह में स्वर्ण प्राशन की 6 खुराक अनिवार्य रूप से पिलाना विशेष लाभदायक होता है।