जयपुर। एडव्होकेट बलवीर जाखड़ ने जयपुर के ज्योतिनगर थाने में बाबा रामदेव पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और तीन अन्य के खिलाफ कोरोना संक्रमण ठीक करने की दवाई का दावा करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। यह एफआईआर कोरोना वायरस की दवा के रूप में कोरोनिल टेबलेट के भ्रामक प्रचार करने के आरोप में दर्ज कराई गई है। इसमें बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ. बलवीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ. अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है।इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज अधिनियम 1954 संबंधी धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है।बलवीर जाखड़ ने कहा कि कोविड 19 की कोरोनिल टेबलेट बनाने का झूठा दावा कर आरोपी ने आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला है। उन्होंने न तो राजस्थान सरकार और न ही केंद्र सरकार को कोरोनिल के क्लिनिकल ट्रायल के बारे में बताया था। कंपनी की कथित दवा को आयुष मंत्रालय की मंजूरी नहीं है, इसलिए यह मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के लिये पंतजलि आयुर्वेद द्वारा बनाई गई दवा के ‘क्लीनिकल ट्रायल’ करने को लेकर शुक्रवार को निम्स हास्पीटल को नोटिस जारी किया और स्पष्टीकरण मांगा था। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने ‘कोरोनिल’ दवा पेश करते हुए मंगलवार को दावा किया था कि उसने कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज ढूंढ लिया है।