नरसिंहपुर। कक्षा पहली से बारहवीं तक के अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृति्त देने के सरकार ने पहले आनलाइन आवेदन कराए। अंतिम तारीख बीतने के बाद अचानक फरमान आ गया कि 8वीं तक के बच्चे छात्रवृति्त के लिए पात्र नहीं हैं। उनके आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। इससे आक्रोशित अल्पसंख्यक समुदाय ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर पूजा तिवारी को सौंपा।
यह है मामला: अल्पसंख्यक समुदाय मुसि्लम, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि वगोर्ं के विद्यारि्थयों को कक्षा पहली से आठवीं तक प्री मैटि्रक व 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैटि्रक छात्रवृति्त वर्ष 2020 से प्रदान की जा रही है। इस वर्ष भी शिक्षण सत्र 2022-23 के लिए भी भारत सरकार द्वारा नेशनल स्कालरशिप पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से आनलाइन आवेदन आमंति्रत किए गए थे। जुलाई 2022 से 15 नवंबर तक कक्षा एक से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के आवेदन जमा कराए गए। हालांकि कुछ दिन बाद एनएसपी मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में ये कहा है कि चूंकि आठवीं तक शिक्षा राइट टू एजुकेशन के तहत निशुल्क दी जा रही है, इसलिए वह छात्रवृति्त के लिए पात्र नहीं हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष अब्दुल हकीम खान के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक लोगों ने इस निर्णय का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि राइट टू एजुकेशन में सिर्फ 25 प्रतिशत विद्यारि्थयों को निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं। उनमें भी केवल वही जो कि नियमों के तहत पात्र हैं। इस आदेश से प्रदेश के करीब 90 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने छात्रवृति्त पुन: शुरू करने की मांग की। ज्ञापन देते वक्त मुकेश कटारे, शेख जहांगीर, रफीक, नईम खान, मो. इकबाल, फजल खान, अमजद खान, रिजवान, संजय राजपूत, मो. साबिर, अतुल चौरसिया आदि मौजूद थे।