नरसिंहपुर। आम आदमी को जरा से संदेह में उठाकर लॉक अप में बंद करने वाली नरसिंहपुर पुलिस ने चोरी का माल खरीदने के आरोप में गिरफ्तार वरिष्ठ भाजपा नेता और कबाड़ी बन्ने खान को मात्र 10 मिनट में छोड़ दिया। जबकि बन्ने खान को पुलिस पिछले करीब 60 दिन से फरार घोषित कर लगातार पकड़ने के प्रयास करने का दावा कर रही थी। उसके खिलाफ कोतवाली में सीआरपीसी की धारा 44 -1 / 4 के अलावा चोरी में आईपीसी की धारा 379 के तहत अपराध पंजीबद्ध था। कोतवाली के एसआई मरावी के अनुसार बुधवार सुबह फरार बन्ने कबाड़ी को कपूरी के पास चेक पॉइंट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पकड़ा था। इसके बाद उन्हें कोतवाली थाने लाया गया।
पुलिस खुद बन बन बैठी न्यायालय
कोतवाली थाने लाने के बाद कानूनन बन्ने कबाड़ी को हवालात में डालना था, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया। जबकि आईपीसी की धारा 379 में आरोपी को 24 घंटे के भीतर न्यायालय में पेश करना जरुरी है। न्यायालय तय करेगी कि जमानत दी जाए या नहीं। लेकिन ये भी पुलिस ने तय कर लिया।
पुलिस के अलग-अलग बयान संदेहास्पद
भाजपा नेता बन्ने कबाड़ी को छोड़ने के मामले में पुलिस महकमे के बयान अलग-अलग रहे। सुबह एसआई श्री मरावी ने जहाँ गिरफ्तारी की बात कही तो वहीं टीआई अजय सनकत का कहना था कि हमने आरोपी को जब्त माल के कागजात पेश करने के लिए वक्त दिया है। यदि वह कागजात पेश नहीं कर पाता है तो हम वैधानिक कार्रवाई करेंगे। शाम करीब 5 बजे जब फोन पर कोतवाली थाने में बात की गई तो मुंशीजी का कहना था आप बता रहे हो कि बन्ने कबाड़ी पकड़ा गया है। एसपी डॉ गुरूकरण का इस मामले में कहना था कि एफआईआर कोई बड़ी चीज नहीं है। विवेचना चल रही है, सम्बंधित यदि दस्तावेज नहीं देता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
विधि विशेषज्ञ कह रहे- चोरी के मामले में पुलिस नहीं दे सकती जमानत
बन्ने खान कबाड़ी के ऊपर आईपीसी की धारा 379 के अंतर्गत चोरी का अपराध दर्ज है। अधिवक्ता अरविन्द सोनी के अनुसार इस धारा के अंतर्गत पुलिस किसी आरोपी को नहीं छोड़ सकती। पुलिस को हर हाल में आरोपी को कोर्ट में 24 घंटे के भीतर पेश करना होता है। कोर्ट तय करेगी जमानत दी जाये या नहीं।