नरसिंहपुर। भाजपा का वरिष्ठ नेता बन्ने खान कबाड़ी के नरसिंहपुर स्थित बायपास गोदाम पर पुलिस और जिला परिवहन विभाग की टीम ने 8 मार्च को दबिश दी थी। यहाँ से उन्हें दूसरे राज्यों के कार, जिप्सियां समेत कई ऐसे वाहन मिले थे, जिनका पंजीयन निरस्त नहीं कराया गया था। इस बात की पुष्टि मौके पर मौजूद रहे जिला परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा ने तत्काल की थी। इनमें से कुछ वाहनों को काट-पीट दिया गया था। ये वे सबूत हैं जो बन्ने कबाड़ी लॉकअप में करने के लिए पर्याप्त थे, लेकिन नरसिंहपुर पुलिस ने इन सबूतों को अनदेखा कर दिया। बुधवार को जब कपूरी जेल गेट पर बन्ने खान कबाड़ी को हिरासत में लेकर थाने लाया गया तो सत्ता के दबाव में उसे बिल पेश करने के नाम पर छोड़ दिया गया। जबकि पुलिस चोरी के मामले में आरोपी बनाये गए बन्ने कबाड़ी को पिछले 60 दिन से ढूंढ़ने का राग अलाप रही थी।
कोर्ट बनकर मात्र 10 मिनट में पुलिस ने छोड़ दिया चोरी के आरोपी भाजपा नेता बन्ने कबाड़ी को
कितने दिन में मांगे हैं बिल इस पर चुप्पी
एक तो गैरजमानती अपराध में बन्ने कबाड़ी को नरसिंहपुर पुलिस ने बिना पूछताछ के छोड़ दिया। तर्क दिया कि हमने उससे बिल मंगवाएं हैं। लेकिन ये बिल कबाड़ी कब तक देगा इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की। यानी कि कबाड़ी की जब मर्जी होगी तब वह बिल दे सकता है। पुलिस भी तब तक शांत रहेगी। इस बारे में अधिकारियों के पास भी कोई समय सीमा नहीं है। न ही वे इस मामले में कुछ कहना चाह रहे हैं।