नरसिंहपुर: अवैध रास्ता बनाने मुरैना से आए थे माफिया के लोग, कलेक्टर-एसपी ने मंसूबा कर दिया नाकाम
सूचना मिलते ही कलेक्टर-एसपी ने मौके पर बल भेजकर संभाली कानून व्यवस्था, बेदर खदान पर चौबीस घंटे की निगरानी की रणनीति तैयार
आनंद गोपाल श्रीवास्तव। नरसिंहपुर।
जिले में खनिज निगम की 36 खदानों का ठेका धनलक्ष्मी मर्चेंटाइज्ड प्राइवेट लिमिटेड को करीब 64 करोड़ रुपये में दिया गया है। बावजूद इसके जहां पुराने स्थानीय माफिया दाएं-बाएं अवैध खनन की जोर आजमाइश में लगे हैं तो वहीं अब अन्य जिलों के बड़े माफिया भी रेत के खेल में हाथ आजमाने को उतारू हैं। जिससे जिले में खूनखराबे और खनन के लिए अधिकृत कंपनी के साथ टकराव का अंदेशा पैदा होने लगा है। इसका उदाहरण शुक्रवार को गाडरवारा तहसील के साईंखेड़ा थानांतर्गत बेदर खदान में देखने को मिला। यहां मुरैना के कथित माफिया मुन्न्ा भैया द्वारा नर्मदा पर अवैध रास्ता बनाने की कोशिश को पुलिस व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने नाकाम कर दिया। इसके चलते जिले में रेत खनन के लिए अधिकृत कंपनी के साथ माफिया का बड़ा झगड़ा टल गया। वहीं बेदर की निगरानी चौबीस घंटे करने की व्यवस्था भी कर दी गई है। जानकारी के अनुसार बेदर की खदानें नरसिंहपुर व होशंगाबाद दोनों जिलों में बहने वाली नर्मदा नदी तट पर स्थित हैं। हालांकि बेदर की खदान अभी प्रदेश शासन ने स्वीकृत नहीं की है। बावजूद इसके होशंगाबाद की बेदर खदान में अवैध खनन जोरों पर है। इस रेत का नरसिंहपुर जिले में अवैध परिवहन कराने के लिए माफिया नर्मदा में रास्ता बनाने की लंबे समय से जुगत करते रहे हैं। गुरुवार रात कलेक्टर वेदप्रकाश और पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव को सूचना मिली कि होशंगाबाद की ओर से नरसिंहपुर जिले की ओर नर्मदा बेदर तट पर अवैध रास्ता का निर्माण करने माफिया के लोग जुट रहे हैं। वे नर्मदा जयंती पर पुलिस व प्रशासनिक अमले के व्यस्त होने का फायदा उठाने की जुगत में हैं। इस सूचना पर एकतरफ जहां जिले में खनन के लिए अधिकृत कंपनी के लोग भी एकजुट होने लगे थे। इससे अंदेशा पैदा हो गया था कि अवैध रास्ता निर्माण व इसे रोकने की कोशिश किसी बड़े फसाद व झगड़े को अंजाम दे सकती है। दोनों पहलुओं पर विचार करते हुए प्रशासन ने सजगता के साथ साईंखेड़ा थाना पुलिस को चौकस रहने के निर्देश दिए। जिले के अंतर्गत बेदर तट के पास पुलिसबल भेजा गया। जिसने वहां पर शुक्रवार सुबह 10 बजे से लेकर देर शाम तक मोर्चा संभाले रखा, किसी भी तरह के रेत परिवहन योग्य रास्ते के निर्माण को नहीं होने दिया गया।
झगड़ा रोकने बेदर में 24 घंटे निगरानी करेंगे मजिस्ट्रेट
गाडरवारा की साईंखेड़ा तहसील के संसारखेड़ा गांव में होशंगाबाद की सीमावर्ती बेदर खदान में अवैध खनन, परिवहन की लगातार शिकायतें और बड़े झगडे की आशंका को देखते हुए जिला दंडाधिकारी वेदप्रकाश ने बड़ा निर्णय लिया है। शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार अब बेदर खदान की 24 घंटे निगरानी होगी, इसके लिए कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति भी की गई है। इसका उद्देश्य माफिया से टकराव की स्थिति को टालना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। जिला दंडाधिकारी ने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नायब तहसीलदार व कार्यपालिक दंडाधिकारी साईंखेड़ा दिव्यांशु नामदेव व रिचा कौरव गाडरवारा की ड्यूटी लगाई है। दोनों मजिस्टेट को तत्काल अपना कार्यभाल संभालने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
होशंगाबाद की सीमावर्ती बेदर खदान में अवैध रूप से रास्ता बनाने की कोशिश और रेत खनन को लेकर सूचना मिली थी। हमने गुरुवार रात से ही संबंधित स्थल की निगरानी शुरू कर दी थी। सुबह पुलिसबल तैनात कर दिया गया था। जिला प्रशासन ने यहां पर किसी भी तरह के झगड़े और अवैध खनन-परिवहन को रोकने के लिए स्थाई रूप से कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। जिले में कही भी रेत का अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा, हम लगातार निगरानी व कार्रवाई कर रहे हैं।
वेदप्रकाश, कलेक्टर नरसिंहपुर।
बेदर रेत खदान में रेत के अवैध खनन-परिवहन के मद्देनजर कतिपय लोगों द्वारा रास्ता बनाने की तैयारी की सूचना के बाद हमने मौके पर पुलिसबल तैनात कराया। पल-पल स्थिति की जानकारी लेते रहे। आगे भी कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। नदियों में अवैध खनन की जहां से भी शिकायतें मिल रहीं हैं, उनकी जांच-पड़ताल कराई जा रही है।
विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर।